पढ़ा है मोहब्बत फंतासी रोमांस की किताबों में ।
तुम वही हो ना जो धड़कन बढ़ा देता है दिलों में ।।
#मीत-
मीत यदि मैं शब्द सारथी होता ,
रश्मिरथी अपना तुम्हें बना लेता ।।
जीवन संघर्ष के कंटक पथ पर ,
शोक विषाद तुम्हारे सब हर लेता ।।
#आशीष_तिवारी_मीत-
हे एकदंत दयावंत शिवसुत कंचनस्वरुप मोहक , नर नरेंद्र पंडित पशुपालक ।
हे कार्तिकेय अनुज भालचंद्रक गौरी पुत्र , प्रथम जातक सृष्टि आदिकारक ।।
हे गजकर्ण गजमस्तक मूषकवाहक , अहं नाशक राजपद ऐश्वर्य लक्ष्मीदायक ।
हे ब्रह्म जीव साधक अंतःकरण पावक , पाश , परशु , अंकुश , मोदक धारक ।।
हे आनंदी रिद्धिविधायक बारसूर पति , कुलकुण्डलिनी मूलाधार अधिष्ठाता ।
हे मंगलकारक सिद्धिविनायक गजपति ,चतुर्पंखक शीतलचित्त लंबोदर देवता ।।
हे वक्रोदर ढोलकल विराजित कृष्ण गणपति , बुद्धि प्रदाता सुख शांतिदाता ।
हे शुभकर्माधिपति नवागढ़ी शमी गणेश , यज्ञानुष्ठान रचयिता सर्व विघ्नहर्ता ।।
हे गजानन गणनायक गणाधिपति , घर आओ मेरे मस्तक बिराजो गणराजा ।
हे सुरपति पार्वति नंदन पूजते हैं तुमको सदा मेघा आशीष और गदाई राजा ।।
-
प्रिय आत्मन !🌺
मेरे जन्मदिन पर .......🌺
आपने आदर ,स्नेह तथा आशीष की
बरसा कर मेरे अंतर्मन को भिगो दिया है🌺
आभार अथवा धन्यवाद ज्ञापन आपकी
शुभकामनाओं के समतुल्य कदापि संभव नहीं🌺
अस्तु क्षमायाचित नतमस्तकता ही एकमेव विकल्प है , कृपया अहंकार तिरोहित प्रणाम स्वीकारें ,आपका अपना🌺
आशीष तिवारी मीत🌺
-