Ashish Tiwari   (#आशीषतिवारीमीत)
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Joined 19 May 2018


Joined 19 May 2018
1 AUG AT 2:12

इस मतलबी दुनिया की एक बात निराली थी,
सबके पास सब होके भी दिल की जगह ख़ाली थी।

हर किसी के पास चमकता हुआ एक चेहरा था,
लेकिन आँखों में छिपी अंधियारी अनकही कहानी थी।

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31 JUL AT 1:18



"बदलते वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है,
वायदे भी, वफाएं भी, और इरादे भी।
लेकिन मेरी यादों में अभी भी तुम्हारी शाम है,
जब तुम मेरे थे, और मैं तुम्हारा था।"

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31 JUL AT 0:55



"वादा किया था तुमसे, हर शाम याद आएगी,
लेकिन शहर की रफ्तार ने वक्त बदल दिया है।
शाम तो होती है, लेकिन अब तुम नहीं आते,
और दिल की गहराइयों में दर्द सा हो गया है।"

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21 MAR 2024 AT 13:51

पढ़ा है मोहब्बत फंतासी रोमांस की किताबों में ।
तुम वही हो ना जो धड़कन बढ़ा देता है दिलों में ।।

#मीत

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31 JUL 2020 AT 1:32


हम घर डेहरी आंगनों में ,
बंदनवारों से अब ताबूत सजाते लोग ।

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25 MAY 2018 AT 23:07

#गदाई_राजा

(रचना कैप्शन में देखें)

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1 NOV 2020 AT 22:14

मीत यदि मैं शब्द सारथी होता ,

रश्मिरथी अपना तुम्हें बना लेता ।।

जीवन संघर्ष के कंटक पथ पर ,

शोक विषाद तुम्हारे सब हर लेता ।।

#आशीष_तिवारी_मीत

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2 SEP 2020 AT 14:46

हे एकदंत दयावंत शिवसुत कंचनस्वरुप मोहक , नर नरेंद्र पंडित पशुपालक ।

हे कार्तिकेय अनुज भालचंद्रक गौरी पुत्र , प्रथम जातक सृष्टि आदिकारक ।।

हे गजकर्ण गजमस्तक मूषकवाहक , अहं नाशक राजपद ऐश्वर्य लक्ष्मीदायक ।

हे ब्रह्म जीव साधक अंतःकरण पावक , पाश , परशु , अंकुश , मोदक धारक ।।

हे आनंदी रिद्धिविधायक बारसूर पति , कुलकुण्डलिनी मूलाधार अधिष्ठाता ।

हे मंगलकारक सिद्धिविनायक गजपति ,चतुर्पंखक शीतलचित्त लंबोदर देवता ।।

हे वक्रोदर ढोलकल विराजित कृष्ण गणपति , बुद्धि प्रदाता सुख शांतिदाता ।

हे शुभकर्माधिपति नवागढ़ी शमी गणेश , यज्ञानुष्ठान रचयिता सर्व विघ्नहर्ता ।।

हे गजानन गणनायक गणाधिपति , घर आओ मेरे मस्तक बिराजो गणराजा ।

हे सुरपति पार्वति नंदन पूजते हैं तुमको सदा मेघा आशीष और गदाई राजा ।।

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23 AUG 2020 AT 11:30

प्रिय आत्मन !🌺
मेरे जन्मदिन पर .......🌺
आपने आदर ,स्नेह तथा आशीष की
बरसा कर मेरे अंतर्मन को भिगो दिया है🌺
आभार अथवा धन्यवाद ज्ञापन आपकी
शुभकामनाओं के समतुल्य कदापि संभव नहीं🌺
अस्तु क्षमायाचित नतमस्तकता ही एकमेव विकल्प है , कृपया अहंकार तिरोहित प्रणाम स्वीकारें ,आपका अपना🌺
आशीष तिवारी मीत🌺

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31 JUL 2020 AT 1:30

हम बदनसीबी के आंसूओं में ,
जौं तिल भात का पिंड बनाते हुए लोग ।

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