समय का चक्र चलता जाता है
एक मौसम जाता दूसरा आता है
प्रकृति की है रीत यही कभी शीत,
बरसात ,शरद कभी ग्रीष्म आ जाता है।
ग्रीष्म में लू के थपेड़ों को सहना
नियति बन जाता है,
फिर भी एक खिड़की ऐसी होती है,
जिसके खुलते ही ठंडी शीतल बयार का
चेहरे पर आभास हो जाता है
मुझे खुशी होती है इस बात पर
की मुझे देख कर तुम्हारे चेहरे पर
वही ठंडी हवा का सा स्पर्श हो जाता है।
5/4/25-
ये कैसी मीठी तड़प है तेरे इंतज़ार की हर रात में ?
के ये दिल लगता ही नहीं और किसी बात में !-
हर रोज़ हमारे ऐसे मुक़द्दर नहीं होते,
मय की तरह तुम भी रोज़ हमें मयस्सर नहीं होते।-
सुबह सुबह कुछ आहट हुवी
धुंधला सा एक साया था,
कागज़ पर थे कुछ अशआर मेरे-
किसी ने उनको गुनगुनाया था,
ख़ुशबू बिखरी थी तेरी मानिंद...
यक़ीनन मेरे ख़्वाब में तू ही आया था।-
सुनो! ये तुम्हारी याद मुझे बार बार क्यूँ आ जाती है?
ये पलकें झपकते ही तुम्हारी तस्वीर क्यूँ नज़र आती है?
बेक़रारी का ये हाल क्यूँ है ?
ख़यालों में उमड़ते ये सारे सवाल क्यूँ हैं ?
अबकी तुम आओगी न !
तो जो मेरी याद तुम्हारे पास रहती है उसे वापस कर जाना
और ये जो तुम्हारी याद है, इसको कुछ मुझसे लेती जाना।-
Written by: Nadim Shaad
हैं बेगुनाह तो होने से कुछ नहीं होगा
सुबूत दीजिए रोने से कुछ नही होगा
दिये दियों से जला कर ज़मीन रौशन कर
दिये ज़मीन में बोने से कुछ नही होगा
सबब तलाश करो अपने हार जाने का
किसी की जीत पे रोने से कुछ नही होगा
अगर है ख़्वाब की ख़्वाहिश तो जागना सीखो
यूं आंख मूंद के सोने से कुछ नहीं होगा
नदीम शाद-
मयकदों से कभी लड़खड़ा के नहीं उठे,
बात जब भी ईमां की हुवी कभी हम नज़रें झुका के नहीं उठे।
✒️आशीष सिंह 18-2-24-
पुराने सफों पर वक्त की लकीरों से उकेरे चंद अशआर याद आ रहे हैं,
धुंधले से सही,मगर मेरी कहानी के कुछ पुराने किरदार याद आ रहे हैं।
✒️ आशीष सिंह मंदसौर
18-2-24-
दवाओं का अविष्कार ही नहीं
सभी के लिए दवा बनाते भी हैं।
कौनसी नई दवा आयी है और क्या प्रभाव है
ये डॉक्टर्स को बताते भी हैं।
वैक्सीन बनाते ही नहीं
सभी तक पहुंचाते भी हैं
दवा सिर्फ देते ही नहीं
Dose, effects precaution पूरा समझाते भी हैं
पेशेंट्स का रख ख़याल
उनकी चिंता हटाते भी हैं
शासन के अभिन्न अंग हम नीतियां बनाते
और उनको निभाते भी हैं।
Healthcare के अभिन्न अंग
हम सभी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उठाते भी हैं।
हम फार्मासिस्ट अपने अच्छे कामों से
समाज का प्रेम और सम्मान पाते भी हैं।
आज का दिन उत्साह सम्मान और प्रेम से
पूरे समाज के साथ मिल कर मनाते भी हैं।
Happy World Pharmacists Day-
जल्द मिलने की .. आस को
ज़िंदा रखना तुम....
सुनहरी खिलखिलाती यादें
ख़ास को ... ज़िंदा रखना तुम
वो ठाहके वो अट्टहास को ...
........ज़िंदा रखना तुम
जल्द मिलेंगे फिर से अबकी बार
इस पुरसुकूं जज़्बाए ख़ास को
...... ज़िंदा रखना तुम 11/7/23-