Ashish Singh   (अनाम)
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Joined 5 November 2017


Joined 5 November 2017
4 JAN 2023 AT 22:24

दुआ में था असर कुछ कम कुछ थीं अर्जियां ज़्यादा
सबब तन्हाई का हैं खुद मेरी खुदगर्जियाँ ज़ियादा ...


झांका किया छज्जे से फिर उतर आया दरीचे में
बढ़ी हैं न जाने क्यों चाँद की मनमर्ज़ियाँ ज़ियादा..


यूँ तो हर मौसम तुम्हीं से हो के गुज़रा है
लुभाती हैं न जाने क्यों मुझे ये सर्दियां ज़ियादा..!💕

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15 DEC 2022 AT 22:59

धूप का धुंध का बर्फ़ का आग का
दिसंबर है आप का या गुलाब का...!🌹

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24 JUN 2022 AT 23:11

मुख्तसर ही सही लेकिन मुलाक़ात ले आओ
मौसम ले कर मैं आ गया बरसात ले आओ ..

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17 JAN 2022 AT 20:34

"इतना तो कभी तुम मिले भी नहीं
 जितना तुम से बिछड़ना पड़ा मुझे ..!

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21 NOV 2021 AT 14:17

हर शय को कह आता था मैं चुपके से शुक्रिया
डर के जिनसे वो मुझे बाहों में जकड़ लेती थी..!"💕

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20 NOV 2021 AT 12:16

दिल को लिखेंगे दिल से दिल की बात हम
ये फ़ैसला तो कर लिया पर हौसला न कर सके..!"

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18 NOV 2021 AT 13:14

"कश्मकश के दोराहे पे उलझी मिरी कहानी है
  इंतज़ार है एक राह....दूजे पर उमर गंवानी है....!"

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17 NOV 2021 AT 16:53

छज्जे से झांकता रहा फिर दरीचे में उतर आया
बढ़ी हैं न जाने क्यों चाँद की मनमर्ज़ियाँ ज़ियादा..💕

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17 NOV 2021 AT 16:23

यूँ तो हर मौसम तुम्हीं से हो के गुज़रा है
लुभाती हैं न जाने क्यों मुझे ये सर्दियां ज़ियादा..!💕

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17 NOV 2021 AT 11:50

"तुम्हें सुनना तुम्हें गुनना तुम्हें लिखना तुम्हें पढ़ना
इन्हें तुम शौक़ मत समझो यही तार्रुफ़ हमारा है..!"💕

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