Ashish Singh   (Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️)
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Joined 1 December 2022


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22 DEC 2022 AT 11:34

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21 DEC 2022 AT 14:51

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20 DEC 2022 AT 0:12

विरह प्रेम का पूरक है ❤
विरह‌ में अथाह प्रेम होता है ❤
प्रेम में केवल प्रेम ,पर विरह में प्रेम और विरह‌ दोनों ❤
क्यों बिरह पथ पर बढ़ रहा...??
अपनों से नाता तोडं रहा...??
महत्वकंक्षाओं के लिए तू...
क्यों अपनी मिट्टी को भूल रहा...
क्या करेगा तू धन पॉकर...
क्या करेगा लाखों जुटाकर...??
लोगों के दिल में अगर तू...
जिंदा खुद को न रख सका...
तो क्या करेगा तू बेहद खूबसुरत महल बनाकर...
सुन ले ओ तू मूर्ख प्राणी....
अंत मैं तेरे हाथ कुछ ना आएगा...
अकेला ही तू आया था ...
और अकेला ही तू जाएगा....

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19 DEC 2022 AT 21:27

Once My Dad Said,
बेटा चेहरे पढ़ने लग जाओगे तो
दोस्ती टूट जाएँगी !
And It's Damn True ..!

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19 DEC 2022 AT 0:06

कुछ ही लोग 'अजीज़ ' होते है दुनिया में ...
जो दिल को दिल की गहराई तक छू पाते है ।

बनाकर अटूट रिश्ता दोस्ती का ...
बेइंताह फिक्र और बेपनाह इश्क कर जाते है ।

खुशियों में ही देंगे साथ हमारा, कहकर चिढ़ाते है
मगर देख के मायूस हमे, खुद भी मायूस हो जाते है ।

यूं तो कहते है, मंजिल तक का ही है साथ अपना
मगर बनकर मुसाफिर, कब्र तक चले आते है ।

वो दोस्त ही तो होते है, जिन्हे देख कर.
हमारे मायूस चेहरे बेवजह मुस्कुराते है....

कुछ ही लोग अजीज़ होते है दुनिया में ...
जो आप जैसे दोस्त से मिलने का नसीब पाते है ।

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18 DEC 2022 AT 18:07

मैं और तुम्हारा ख्याल

जब कभी वो सर्द रातें आती हैं
तेरे ख्याल में बैठा मैं खो जाता हूं
छलक जाते हैं मोती इन आँखों से
फिर भी लबों से मैं मुस्कुराता हूं
जब आइने में खुद से नजरें मिलती है
निगाहों में कैद तुझको ही पाता हूं
देखना भी चाहता है ये दिल तुम्हें
फिर भी खुद से ही नजर चुराता हूं
पा लेता हूं अक्सर मेरे ख्यालों में तुमको
वरना तुम बिन मैं भी तन्हा फिरता हूं

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17 DEC 2022 AT 21:38

मुहब्बत वैसे तो हम दोनों को ही थी
फिर भी बड़ा फर्क था दोनों की मुहब्बत में...
हम उससे मिलने के लिए वक्त निकालते रहे
और वो अक्सर वक्त मिलने पर हमसे मिलती रही...

हम हमेशा उसके लिए प्यार के नगमें लिखते रहे
और वो हमेशा अजनबी दर्द के किस्से लिखती रही
हम तो बस उसी में अपनी दुनिया खोजते रहे
और वो हमारी तलाश पूरी दुनिया में करती रही

खुशी बहुत हुई जब हमने खुद को गलत पाया
हमने बस उसे चाहा वो हमारे लिए अपनी खुशियाँ भुलाती रही

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16 DEC 2022 AT 23:14

Good night

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15 DEC 2022 AT 15:00

Yes I know that I am a good actor
For the every night when I cried
Then every morning when I smiled
For the every day when I was ignored
And the every moment when I was forced
The reality doesn't requires any factor
But yes i know that I am a good actor
For every time when I Needed someone
And my eyes found that there was no one
For everything which I wanted to share
But there was nobody who showed me that care
They called me a loser but it is my character
Yes I know that I am a good actor

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15 DEC 2022 AT 13:39

वो है एक किताब सी जिसे पढ़ना तो हर कोई चाहता है पर समझना कोई भी नहीं चाहता
वो है एक ख़्वाब सी जिसे संजोना तो हर कोई चाहता है पर पाना कोई भी नहीं चाहता
वो है एक रात सी जिसमें सोना तो हर कोई
चाहता है पर उसके लिए जगना कोई भी नहीं चाहता
वो है एक फूल सी जिसे तोड़ना तो हर कोई चाहता है पर उसके लिए काँटा कोई भी नहीं बनना चाहता
अब कितना बयां करे Ashish की कलम उस स्त्री को
जिसके लिए बोलना तो हर कोई चाहता है
बस बदकिस्मती है उसकी जो उसके लिए लड़ना कोई भी नहीं चाहता

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