बहुत खास हो तुम आज भी... बस बताना छोड़ दिया,
हर जज़्बात में तुम हो... बस जताना छोड़ दिया।
तेरे बिना भी जी तो रहे हैं, मगर जैसे साँसें अधूरी हैं,
हर धड़कन में नाम तेरा है... बस पुकारना छोड़ दिया।
याद तुम्हारी हर रोज आती है, चुपके से दिल को तड़पाती है,
आंसू बहते हैं आँखों से... बस किसी से कहना छोड़ दिया।
तुम पर हक अब भी महसूस होता है हर घड़ी,
मगर अब उस हक को... निभाना छोड़ दिया।
चाहा था ताउम्र साथ निभाना, टूटना नहीं था वादा,
पर जब तुमने मुड़कर ना देखा... तो रास्ता देखना छोड़ दिया।-
𝕺𝖓𝖑𝖞 𝖋𝖔𝖗 𝖕𝖆𝖘𝖘𝖎𝖔𝖓 𝖓𝖔𝖙 𝖋𝖔𝖗 𝖎𝖒𝖕𝖗𝖊𝖘𝖘𝖎... read more
"दोस्ती है, इश्क है या कुछ और ये तो पता नहीं,
पर जो भी है, तुमसे है, किसी और से नहीं!!
तेरी मुस्कान में सुकून है, तेरी बातों में जादू,
हर पल लगे जैसे तुझसे ही जुड़ा हो वजूद।
नज़रों को बस तेरा ही चेहरा दिखता है,
दिल को तेरी धड़कनों में ही रिश्ता मिलता है।
ना कोई नाम दूं इस रिश्ते को, ना ही कोई साज़,
बस तू है, तेरे साथ है, यही है मेरा आज।
ख्वाहिशें भी अब सिर्फ तुझसे होने लगी हैं,
तू जो पास है, तो अधूरी बातें भी पूरी लगती हैं!"-
चांद सितारे, फूल परिंदे, शाम सवेरा एक तरफ!!
उसका हंसना, उसकी बातें, उसका चेहरा... एक तरफ!!
हर मौसम की रौनक उसके नाम सी लगे,
बेखुदी में भी वो होश का जाम सी लगे।
उसकी नजरों में है कुछ बात खास,
जो छू जाए रूह तक हर बार पास।
हवा में उसका नाम गूंजता है जैसे साज,
दिल में बसती है वो बिना किसी आवाज़।
दुनिया के हर रंग फीके पड़ जाएं,
जब उसका हाथ मेरे हाथ में आ जाए।-
"आदत है ,लत है ,या फिर खुमारी है ।
रोज एक बार तेरी तस्वीर देखने की बीमारी है!"
तेरे चेहरे की मुस्कान में कुछ तो बात है,
जो हर रोज़ दिल को राहत सी दे जाती है।
कभी धड़कनों में, कभी सांसों में बसते हो,
हर शाम तेरी यादों में ही ढलती जाती है।
तेरा चेहरा जैसे सुकून की दवा बन गया,
जिससे हर दर्द कुछ पल को छुप सा जाता है।
नशा भी तुझसे शर्म खा जाए अब तो,
क्योंकि तेरी तस्वीर में ही पूरी दुनिया समा जाती है।-
आंसू निकल पड़े ख्वाब में उसको दूर जाते देखकर!!
आंख खुली तो एहसास हुआ सोते हुए भी रुलाता है!!-
जानते हुए भी अंजान बनती हो,
कुछ इस तरह मुझे परेशान करती हो!!
पूछती हो मुझे क्या पसंद है,
जवाब खुद हो!! फिर भी सवाल करती हो!!
चुप रहकर भी सब कुछ कह जाती हो,
बेवजह मुझे अपने ख़्वाबों में बहा ले जाती हो!!
बातों-बातों में जादू सा कर देती हो,
और फिर खुद ही अनजान बनकर सजा देती हो!!
हर पल तुम्हारी फिक्र सी रहने लगी है,
जैसे सांसों में तेरी आदत बसने लगी है!!
तुम रहो पास या दूर, फर्क क्या पड़ता है,
तुम्हारी खामोशी भी अब प्यार सा लगता है!!-
"मन के काफी दूर पर दिल के पास हो तुम !!
सुबह की पहेली और रात की आखिरी याद हो तुम।
तन्हाई में भी एक सुकून सा एहसास हो तुम,
हर ख़ामोशी में छुपा मेरा अल्फ़ाज़ हो तुम।
बिना कहे जो समझ जाए वो खास हो तुम,
हर दुआ की पहली और आखिरी आस हो तुम।
जो आँखों से नहीं, पर रूह से पास हो तुम,
हर पल, हर साँस में बसता विश्वास हो तुम।
दूर होकर भी दिल के बेहद करीब हो तुम,
शायद मेरी अधूरी कहानी का अजीब सा सलीका हो तुम।-
How badly you want something!!!
That thing will go away,
from you with the same intensity!!-
"Raah to seedhi hai, mod to saare mann ke hai,
Sapne toh saje hain, par andar kuch chubhne ke gehre dard bhi hai,
Chalte toh hain hum bhi jazbaat sambhal ke,
Par har mod pe dil ke faisle badal jaate Hain"
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अपनों से हारने का भी अलग ही मज़ा है,,
वो भी प्यार में!!ये तो मेरी अलग ही कला है।।-