साल बदला इंसान बदले, लोग वहीं थे पर ख्याल बदलेll
इस रंग बदलती दुनिया में,सुर भी बदले और ताल भी बदले ll
ये जो साथ निभाने के वादे थे, क्या हमें पता था आधे थे, जब मतलब था तो साथ रहें, फिर वो राजा हम प्यादे थे ll
इस चका चौध की दुनिया में सबको मोटर,कार प्यारी,, हम जाए किसके पास लेके अपनी छोटी सी सवारी ll
जस्बातो का अब मोल नही, रिश्ते पल पल बिकते हैं, अब भावना अनमोल नहीं, पैसों से सब रिश्ते हैं ll
बिता साल ये सीखा गया की विश्वास किसी पे ना करना है, जीना तो सर उठा के जीना, वरना पल पल मरना है ll
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