Ashish Rawat Aks   (Ashish Rawat Aks 'रुद्र')
275 Followers · 208 Following

read more
Joined 20 November 2018


read more
Joined 20 November 2018
14 AUG 2021 AT 13:50

सुबह ,दोपहर, शाम ,रात हर पहर तो बस तेरी ही यादें हैं l
चल मान लिया के अब तू ही है मेरे हर लम्हे का हाकिम,
और मैं अब हर लम्हे तेरा मरीज हो गया।।

-


1 JUN 2021 AT 12:40

मुकम्मल नहीं अधूरा ही रहना है मुझे,
अधूरी चीज़ें हमेशा मुकम्मल असर छोड़ती हैं

-


14 DEC 2020 AT 19:03

बताएं क्या, कि क्या है मेरी मंजिल ऐ जिंदगी ।
अभी तो जितना चले हैं उसे तो शुरुआत कहते हैं।।

-


29 SEP 2020 AT 19:57

बीती कई विभावरियां सासों की जद्दोजहद में उसकी।
पर जाते-जाते फिर भी सियासत को मसाला दे गयी।।

-


13 JUL 2020 AT 14:05

(तवायफ)
क्यों बेवजह बदनाम करते हो उसे,
क्यों , क्यों, क्यों बेवजह बदनाम करते हो उसे,
वो तवायफ है, जमाने वालों तुम्हारी नजर नहीं ।
हर शाम जितनी बार वो अपना जिस्म नीलाम करती हैं ,
अगले दिन अखबार में वो उतनी चींखें कम कर जाती हैं।।
हर शाम उस बिस्तर पे वो जितनी आबरूयें बचाती हैं ,
हर शाम उतने मर्द उस बिस्तर पर बेआबरू हो आते हैं।।
कभी फुरसत मिले तो गौर से आईना देखना एक तवायफ के साथ ,
और बता जाना तवायफ कौन लगा तुम या वो।।🙏

-


29 MAY 2020 AT 22:29

जिंदगी में कुछ करने का जज़्बा हमेशा बनाए रखिए , हालात बुरे ही सही पर हौसला बढ़ाए रखिए ।
जल कर खुद ही खाक हो जाएंगे एक दिन देखकर जलने वाले,
बस हालात कैसे भी हों मुस्कुराने का हुनर बनाए रखिए।।

-


16 MAY 2020 AT 14:37

खुशी तो बहुत हुई आज घर से बाहर निकलकर,
पर वीरान सड़कों ने फिर बेचैनी बढ़ा दी।

-


15 APR 2020 AT 14:54

तू मेरे हुजरे के सामने अपनी इमारत मत बना,
बेवजह जमाने से मेरी दूरी मत बढ़ा।
महलों से हुजरे हमारे दिखाई नहीं देते,
जमाने से कम से कम हमारी मुफलिसी तो मत छिपा।।
Ashish Rawat Aks

-


5 MAR 2020 AT 19:07

जरा सी चिनगारी थी किसी के प्यार की मेरे दिल में,
मेरे दोस्तो ने मुझे उसी के सामने बेनकाब कर दिया।
और वो चिनगारी अब चिनगारी ना रही,
कमीनों ने नाम ले ले के उसका उसे धधकती हुई आग कर दिया।।

-


5 MAR 2020 AT 18:57

सच कह के नजरों से गिरना मुझे मंजूर है साहब ,
झूठ बोल के हमदर्द बनना हमारी फितरत में नहीं।

-


Fetching Ashish Rawat Aks Quotes