जैसे कभी सोचा ना था
साथ वो निभा जाते हैं
जिसने धोखा कभी दिया था-
YESTERDAY AT 9:46
दिल ने जो छुपा रखा था
अपने शारीर ने ही साथ छोड़ दिया
बेवज़ह ही मैं दूसरों से उम्मीद लगाए रखा था-
22 AUG AT 10:04
कहीं बाहर भटक रहा है दिन
कोई जी रहा है अपनी जिंदगी भरपूर
तो कोई अपने बचे हुए दिन रहा है गिन-
21 AUG AT 10:11
बिछड़ कर फिर वहीं मिलते हैं
जहाँ हम सभी को मिलना है
और अपने कर्मों का हिसाब देना है-