Ashish Patel  
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Joined 25 September 2019


Joined 25 September 2019
4 JUL 2022 AT 21:31

अलग ही एक दुनिया में खोया रेहता हूँ मैं,
वहा सब मेरे हिसाब से होता हैं।
जिसें चाहों वो हरदम पास रेहता हैं,
हर सपना हर ख्वाब पूरा होता हैं।
फिर हल्की सी आवाज़ बाहर से मेरे कमरे में आती हैं,
दिन भर कमरे में रेहता हैं।
किताबें हाथों में लिए न जाने क्या पढता हैं।

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11 JAN 2022 AT 21:48

तुम्हें लगता है मेरा सब ठीक चल रहा हैं।
मुझे लगता है तुम्हारा सब ठीक चल रहा हैं।
ये सबको लगता है खुद को छोड़ सबका ठीक चल रहा हैं।
सच्चाई यही है कि किसी का ठीक नहीं चल रहा हैं।

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9 DEC 2021 AT 22:24

एक बहार सी है तू
मुझमें यु ही बैहती रह
ख्यालो मे तू कुछ केहती हैं
बस तू केहती रह
तेरी आँखें खुबसूरत हैं
तू नकाब मे रहती रह
तुझसे तेरा हाल पुछा
तू अपना हाल हर रोज बताती रह
तेरे होठों से निकला हर ल्वज खास हैं
तू अपना नाम यु ही बताती रह
तेरी आँखें खुबसूरत हैं
तू नकाब मे रहती रह
एक बहार सी हैं तू
मुझमें यु ही बैहती रह

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9 NOV 2021 AT 12:24



एक जंग छिडी हुई हैं मेरे अंदर
न जाने किसकी हार होगी।
ये जीते तो
जीत के हार जाऐंगे।
और ये जीते तो
सारी जिंदगी हारते रह जाऐंगे।
इस जंग में मेरे लिए
आंगे कुआँ पीछे खाईं हैं।
मेरी ही जीत
और मेरी ही हार हैं।
हर रोज इस जंग मे एक मौत मरता हुँ
जंग खत्म हो जाए तो अच्छा रहेगा।
हर बार मैं ही सुला करके जंग बंद करता हूँ
मैं फिर से सुला करलूँ तो अच्छा रहेगा।
दोनों मे कोई भी मरें तो मेरी ही मौत हैं
दोनों जिंदा रहे तो अच्छा रहेगा।
सुला यादी फिर टुटी तो
एक का हार जाना अच्छा रहेगा।
सुला करके मैं ही सुला तोड़ता हूँ
मेरा सख्त हो जाना अच्छा रहेगा।





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23 SEP 2021 AT 7:02

हद हद होती हैं।
हद की हद मे रहे तो अच्छा हैं।
हद को न लाघे तो अच्छा हैं।
जो तुमने हद लांघी सो तुम अकेले हो।
वन प्यासे रहना कभी झेले हो।

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11 AUG 2021 AT 22:10

मैं भी अब भवरा बन जाऊं।
फूलों का रस पीके दूसरे फूलों की तलाश में निकल जाऊं।।

मैं ये ख्वाब कैसे आसान बनाऊं।
जिस फूल को मैंने चाहा उससे दगा कैसे कर पाऊं।।

के माना कि वो फूल अब मेरा नहीं है।
पर उसको दिया वादा मैं कैसे तोड़ जाऊं।।





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26 JUL 2021 AT 14:14

मैं इश्क़ नहीं बस पसंद हु मैं उसे
आशु पंसद बदलती रहती हैं लोगों की

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21 JUL 2021 AT 9:00

हम.परिंदों का हैं आसमां
हमें उडने से ना रोकों

हम आजाद रह कर ही ऊचाईयों को छू सकते हैं।
हमें यु घर में कैद करके ना रोकों।।

यु ही कैद मे रहे तो हम सबसे पीछे रह जाएंगे।
हमारे साथी पक्षी हमसे आंगे निकल जाऐंगे।।

आसमां मे भी सब सबसे पहले ऊंचाईया पाना चाहते हैं।
हम अभी भी न उडान भरें तो फिर उनसे नीचे रह जाऐंगे।।

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18 JUL 2021 AT 1:50

पहेलियों सा हु मैं अच्छा तो सबको लगता हूँ।
पर कोई समझें तो समझ आऊं मैं।।

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27 MAY 2021 AT 21:58


वो गुजरें हुए चार साल फिर से मेरी जिन्दगी मैं आ जाएं।
वो बैठे पहली बैचं मे और मैं आखिरी बैचं मे बैठ पाऊ।।

उसकीं साहेलिया कोई मजाक करें और वो खिलखिला के हसें।
मैं आखिरी बैचं मे बैठा उसे हसते हुए फिर से देख पाऊं।।

सुबह class मे सबसे पहले मैं आऊँ,और वो मेरे बाद आए ।
वो मुझसे हाए कहें और मैं फिर से मुस्कुराते हुए उससे हाए कर पाऊ।।

Ashu


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