Ashish pande  
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Joined 19 September 2017


Joined 19 September 2017
13 MAR 2020 AT 15:30

बड़ी तन्हा सी बेपरवाह
गुजर रही थी जिंदगी..

अब ये आलम है कि
एक छींक भी आ जाये
तो दुनिया गौर से देखती है.

#corona virus

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3 MAR 2020 AT 11:28

सब कुछ तबाह होके भि तबाही नही दिखती,

ये अधंभक्ती है जनाब इसकी दवाई नही बिकती..

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2 MAR 2020 AT 23:53

पतझड़ को भी तू ,
फुर्सत से देखा कर ऐ दिल ;

हर गिरता पत्ता भी ,
तेरी ही तरह टूटा हुआ है ।

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2 MAR 2020 AT 23:45

जिन पत्थरो को
हमने दी थी धड़कनें...

उनको जुबां मिली
तो हम पर ही बरस पड़े ...

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16 JAN 2020 AT 23:18

जिसे हराना सकी पूरी कायनात,
वो क्या किसी से हारेगा....
बस कुछ देर का इंतजार है मेरे दोस्त,
माही फिर से मारेगा..

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31 DEC 2019 AT 11:11

बोहत ही करीब आकर बिछड़ गयी वो खामोशिया...

बिलकुल दिसंबर और जनवरी की तरह....

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22 DEC 2019 AT 19:10

मेरे तालाब में सांप होने की आशंका है
इस लिए, तालाब को सुखा रहा हूं..

मछलियों तुमको कुछ नहीं होने वाला है,
मेंढक के बहकावे में मत आना...

#CAB&NRC

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8 DEC 2019 AT 16:45

हर गली, नुक्कड़ चोहराये पे
देश की कन्या लाचार

का मर गए अब.....
मै भी चौकीदार.?

#justiceforunnav

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6 DEC 2019 AT 16:15

जो किताब सारे विषयोंका बोझ उठाती...

अक्सर वो किताब रफ हो जाती.

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20 NOV 2019 AT 17:17

मुझको रखा छांव में और खुद जलता रहा धूप में,

मैंने देखा एक फरिश्ता बाप के रूप में!

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