Ashish Niranjan Singh   (आशीष निरंजन)
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मुस्कुरा देती थी वो मेरा नाम सुनकर,
इतनी दूर तक गया था रिश्ता हमारा..❤️
Joined 6 May 2018


मुस्कुरा देती थी वो मेरा नाम सुनकर,
इतनी दूर तक गया था रिश्ता हमारा..❤️
Joined 6 May 2018
23 JAN 2020 AT 18:08

एहतराम ए रहगुज़र हम से सीखिये,
कैसे करते हैं सफ़र हम से सीखिये!

एक बार जो दर्द आ गया हम ने जाने नही दिया,
'आशीष' मेहमान-नवाज़ी का हुनर हम से सीखिये!!

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1 JAN 2020 AT 16:50

तू नया है तो दिखा सुबह नई और शाम नई,
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई..

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31 DEC 2019 AT 20:16

फ़क़त पन्ना ही तो पलटा है,
वही ज़िन्दगी है वही कहानी है..

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12 DEC 2019 AT 21:48

मस्जिद की मीनारें बोलीं मंदिर के कंगूरों से,
आओ मिलकर देश बचा लें मजहब के लंगूरों से !

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19 NOV 2019 AT 13:58

वो हमें बता रहे हैं कि नज़र अंदाज़ कैसे करते हैं..
हम उन्हें एक रोज़ बताएंगे कि अफ़सोस कैसे करते हैं...

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8 NOV 2019 AT 13:45

उसने कहा हम रात-दिन जैसे हैं,कभी एक नहीं हो सकते ..

मैने कहा..अाओ,शाम को मिलते हैं...

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6 NOV 2019 AT 8:09

मुद्दतें गुज़र गई, हिसाब नहीं किया..

न जाने अब, किसके कितने रह गए हैं हम...

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5 NOV 2019 AT 9:58

सबको मेरे बाद ही रखियेगा,

आप मेरे हैं..याद रखियेगा ...

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27 SEP 2019 AT 7:27

यूँ बार-बार मुझको,सदाएँ न दीजिए,,
अब वो नहीं रहा हूँ,कोई दूसरा हूँ मैं..

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27 SEP 2019 AT 7:24

कुछ लोग रोना रोकते हैं, बेहिसाब रोकते हैं, इसलिए नहीं कि वे मज़बूत होते हैं बल्कि इसलिए कि उनके आसपास कमज़ोर कंधों का कारवाँ होता है।

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