Ashish Kumar Chaurasia  
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Joined 24 December 2017


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Joined 24 December 2017
10 SEP 2021 AT 17:24

तुमने देखा है सिर्फ आंखों को,
तुमने आंखों में नहीं देखा।

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7 SEP 2021 AT 21:13

इतराना मुस्कुराना और शर्माना,
यह तो लड़कियों की अदा है;
और जो इसको प्यार समझ बैठे,
वह गधा है।

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1 SEP 2021 AT 19:24

करीब रह कर तो हर रिश्ता करीबी होता है,
देखीं है हमने भी करीब रिश्तो की करीबी,
बस थोड़ी दूरियां बढ़ जाने के बाद।

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1 SEP 2021 AT 15:33

महीनों बाद लिखने आ रहे हैं,
हम एक जमाने से उबर कर आ रहे हैं।

कहां सोयी थी अंतःकरण कि चेतना मेरी
ये किसके बहकावे में हम आ रहे हैं।

यही एक दिन बचा था देखने को,
उससे बिना मिले दुनिया घूम कर आ रहे हैं।

डर तो तुझे भी लगा होगा, मेरे कन्हैया!
क्योंकि अब दोस्ती के झूले में,
हमें भी चक्कर आ रहे हैं।।

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26 AUG 2021 AT 0:13

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा,
उसे इतना मत चाहो वो बेवफा हो जाएगा।

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25 AUG 2021 AT 13:31

इन पलों में कुछ खोज रहा हूं क्या....!
जीवन तो चल रहा है,
मैं सोच रहा हूं क्या?...

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23 AUG 2021 AT 19:22

वह मुझे बिना बात हरपल सताए जा रहा था,
पर मैं उसकी गलतियों को बच्चे की तरह भुलाए जा रहा था,
मैं भी तुम्हें कितना सहता,

एक हद के बाद जुल्म सहना खता है ना,
भरोसा भी बहुत था तुमपे, वैसे था का मतलब तो पता है ना।

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15 AUG 2021 AT 3:07

तस्वीरें खींचना, आदत हमारी थी,
संग तुम्हारे घूमना, फितरत हमारी थी,
अच्छी-बुरी, खट्टी-मीठी, नोकझोंक हमारी थी,
मिलता जो तुमसे था, दुनिया भी मेरी अलग थी,
पास बैठकर, शरारतें भी गजब हमारी थी,
जो अब, तुम न हो संग मेरे,
"याद तुम इतना आओ मुझे,
क्या इसीलिए बातें इतनी हुई हमारी थी"।

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15 AUG 2021 AT 2:12

जाने वाले से कौन पूछता उनके जाने का सबाबा,
टूटे हुए पत्तों से बेरुखी की वजह पेड़ कब है पूछता;
गाथाएं तो बहुत लिखी और पढ़ी जाती हैं,
पर कोई यह जान ना पाया कि,
बेवफाओं की बेवफाई से कैसे है बचा जाता।

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12 AUG 2021 AT 20:28

मतलब के हैं यार; दिलों के काले हैं,
मौका मिलते ही; सब डसने वाले हैं,
और किसमें कितना है जहर, हमें हैं मालूम,
क्योंकि सबसे ज्यादा सांप हमने हीं पालें हैं।

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