Ashish Jangir   (Ashish Jangir)
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Just trying to express myself here....
Joined 4 June 2019


Just trying to express myself here....
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9 DEC 2021 AT 15:56

'ओए' नहीं, 'अजी' कहकर बोला करो हमें,
हम तहज़ीब की बड़ी पुरानी संदूक हैं,
ज़रा तहज़ीब से खोला करो हमें....

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28 NOV 2021 AT 7:39

Those who were with me, celebrate with me.
Those who left Congratulate me.

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23 NOV 2021 AT 13:19

बिन बोले अब तुम्हारी बात समझ नहीं पाऊंगा मैं,
अब पहले जैसी नजदीकियां नहीं रही हैं अपने दिलों के दरमियान......

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21 NOV 2021 AT 18:41

गैरों संग यूं रास रचा कर,
छोटी सी बात का मसला बनाकर,
नींद तो अच्छी आ रही होगी,
जिंदगी हमारी में तहलका मचा कर?

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19 NOV 2021 AT 23:17

सर्दी लगने लगी है बड़ी तेज
शरीर कांप रहा है मानो मौत देख ली हो
याद खुदा आज कर रहा मुझे
मानो जिंदगी बहोत देख ली हो.....

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14 NOV 2021 AT 19:59

"हेलो! क्या हाल है भाई? एक आवाज सुनी,
सुनकर इस आवाज को मैंने कई बात बुनी,
सुनते सुनते कहते-कहते यूं ही हो गई लड़ाई,
चिल्लाया मैं फ़ोन पर "ओ भाई!ओ भाई!
भोला सा है दोस्त मेरा एक,
हालांकि करता वह बातें अनेक,
देश-विदेश,राजनीति का जैसे ज्ञानी हो,
सही कहता कहता कभी देता फेंक,
वह जो है जैसा है, बस वही अपना है,
दोस्त वही एक सच्चा है,
बाकी दुनिया मानो महज़ एक सपना है,
'वीरू' नाम है उसका,
एक वीरू ही मेरी शान है,
तू नहीं है जिन महफिलों में साथ मेरे,
वह महफिले मेरे लिए वीरान हैं,
जब दुनिया ने छोड़ा हमें,
तूने ही अपनाया था,
जब खड़ा था मैं मौत के मंजर पर,
तूने ही हाथ बढ़ाया था,
जब डूबने वाला था मैं, तू नांव लेकर आया था,
कड़ी धूप में जिसने छाया दी,
तेरा ही वो साया था, तेरा ही वो साया था.......

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6 JUL 2020 AT 22:13

मत छेड़ इतिहास की किताब को,
क्यूं छेड़ना बीते शबाब को,
कुछ नहीं मिलने वाला जोड़-बाकि करके,
पड़ा रहने दे यूंही हिसाब को......

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9 APR 2020 AT 22:36

सांप आज वह भी हमें फन दिखा रहे हैं,
जिन्हें दूध हमने हाथों पिलाया है.....
खेलने को आज मैदान में हमें वह भी बुला रहे हैं,
जिन्हें खुद हमने खेलना सिखाया है......

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26 MAR 2020 AT 0:56

शक्ल तो तुम्हारी बेशक वही है.....
पर‌ अब न जाने क्यूं तुम मुझे खूबसूरत नहीं लगती....
या तो फितरत बदल गई है मेरी....
या शक्ल तुम्हारी में वो मासूमियत नहीं है....
या शायद नफरत कहते होंगे इसको...
तभी दूसरों के हाथ लगा देने पर....
चिड़िया का अपने अंडों का त्याग करदेना लाज़मी है.....

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9 FEB 2020 AT 11:17

छोटे होने का भी अपना ही फायदा है,
जो अपने आप को बड़ा कहते हैं वह बूढ़े हो जाते हैं....
और छोटे, जवान....

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