ASHISH JAIN   (Ashish Civilwala)
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Joined 17 October 2023


Joined 17 October 2023
25 APR AT 7:45





मेरे भारत के मतदाता,
तुम्ही देश के भाग्य विधाता।
किसी के बहकावे में न आना,
लालच, छल में न घिर जाना।
जाति, धर्म से ऊपर उठकर,
अपने मत से देश चलाना।
संविधान ने दी है ये ताकत हम सबको,
आया समय अब अपना फ़र्ज़ निभाओ।
हर एक मत के सही निर्णय से,
नए भारत का कल सजाओ।
मेरे देश की शक्ति तुम हो,
नए भारत का भविष्य तुम हो।
अपने मत की ताकत को पहचानो,
विकसित भारत की बुनियाद डालो ।
मेरे भारत के मतदाता,
तुम्ही देश के भाग्य विधाता।

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17 OCT 2023 AT 6:40

-:वसुधैव कुटुंबकम:-

मानव का कैसा विकास,
धरती का हो रहा विनाश।
रोको दोहन इस धरा का,
धरती हो रही नाराज।।

दे रही नित सन्देश हजार,
अब तक बने रहे अनजान।
सूख रही धरती माँ अपनी,
पिघल रहे हिम पर्वत हजार।
मरुस्थलों का हो रहा विस्तार,
वनक्षेत्र का हो रहा सर्वनाश।।

बना रहे संतुलन इस धरा का,
सद्भाव जो तूने अपना डाला।
सब जीवों की है ये पृथ्वी ,
हक़ बराबर है हम सबका।
मानव अपनी सीमा पहचानों ,
वसुधैव कुटुंबकम को अपनाकर ,
धरती माँ के प्राण बचा लो।

आशीष जैन

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