चली गई तूं
जब से कही दूर
थम गया मैं
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शब्दचि आमुच्या जिवाचे ज... read more
प्रेम में बात हर बार सिर्फ
पाने के जिद की नही होती,
त्याग भी स्वयं आपको ही
प्रेम की परिभाषा बना देता हैं।
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मेरे हृदय के कण-कण में
मैने समाया है तुम्हें।
जितना तुम्हारा होकर
भी न पाया होता,
उतना तुमसे खोकर
मैने पाया है तुम्हें ।
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अपने प्रेम को पाना हर किसी
के नसीब मे नही होता..
मगर आपको बिना पाए भी
सिर्फ आपसे ही सदैव प्रेम
करते रहने वाला प्रेमी मिलना,
ऐसा भी तो हर किसी का
नसीब नहीं होता।
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कुछ कहने की जरूरत ही नही होती है
जब हालात मिलते हैं।
आंखें ही सब कुछ बया करती है,
जब खयालात मिलते हैं।-
थोड़ा सुकून जिंदगी में,
के मोहब्बत ने इतना
सताया है जिंदगी में।
इस कदर जुदा हुआ था
खुद से ही मैं,
बस सांसो का बंद होना
बाकी रहा था जिंदगी में।
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उसने इतकेच आता राहिले तुझ्याकडे,
परतफेड माझ्या प्रेमाची सांग कशी करशील.?
केलेल्या खर्चाचा तु केलास परतावा, पण
दुखलेल्या मनाचा माझ्या हिशोब कसा करशील.?-
उसके होने से
मेरा वजूद है,
मेरी मुस्कराहट का
वही एक सबूत है।
मेरी कठीनाईयो मे
मुझे हंसाया है उसने,
मुझे जीते जी मरने से
बचाया है उसने।
मेरे हर दर्द की
वो दवा बन गई,
मेरे लिए तो बस वही
एक दुआ बन गई।-