Lecture भले ही 45 मिनट का हो, मगर ज्ञान,मार्गदर्शन और प्रेरणा इतनी की, संघर्ष से भरे जिवन के इस समंदर में पतवार बनाकर चल सको। -
Lecture भले ही 45 मिनट का हो, मगर ज्ञान,मार्गदर्शन और प्रेरणा इतनी की, संघर्ष से भरे जिवन के इस समंदर में पतवार बनाकर चल सको।
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बहोत विलक्षणीय होते हैं कुछ एक दृश्य ,जैसे फागुन के माह में पलाश का खिलना। -
बहोत विलक्षणीय होते हैं कुछ एक दृश्य ,जैसे फागुन के माह में पलाश का खिलना।
शायर मरा नही करते खिला करते हैं, जैसे खिलते हैं बागीचे में फूल। -
शायर मरा नही करते खिला करते हैं, जैसे खिलते हैं बागीचे में फूल।
तुम्हारा प्रेम सदैव गणित की तरह रहा आसान तो था, मगर उलझा रहा। -
तुम्हारा प्रेम सदैव गणित की तरह रहा आसान तो था, मगर उलझा रहा।
ज़हन में बाते हज़ार थी,मुस्कुराते तो बोहोत थे लबो से मगर फूर्क़त कभी न बयाँ की। -
ज़हन में बाते हज़ार थी,मुस्कुराते तो बोहोत थे लबो से मगर फूर्क़त कभी न बयाँ की।
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सर पर जिम्मेदारी,पसीने में सना शरीर,पाओ में लिये छाले, दर्द ने घेरा हैं बडी दूर,,से आये हैं साहेब मत पूछों के क्या हाल हैं।मौत करीब हैं और सफ़र हैं लम्बा, इ कैमरा सर से हटाओं और बताओ के वो 'बस' कहाँ हैं...हमें जाना हैं 'गाँव'हमें 'घर' की आस हैं। -
सर पर जिम्मेदारी,पसीने में सना शरीर,पाओ में लिये छाले, दर्द ने घेरा हैं बडी दूर,,से आये हैं साहेब मत पूछों के क्या हाल हैं।मौत करीब हैं और सफ़र हैं लम्बा, इ कैमरा सर से हटाओं और बताओ के वो 'बस' कहाँ हैं...हमें जाना हैं 'गाँव'हमें 'घर' की आस हैं।
बहोत हैं जहाँ में,इट,रेती,सीमेंट,मिट्टी से मकां बनाने वाले,मकां को मगर 'घर' बनाने वाली फक़त 'माँ' होती हैं। -
बहोत हैं जहाँ में,इट,रेती,सीमेंट,मिट्टी से मकां बनाने वाले,मकां को मगर 'घर' बनाने वाली फक़त 'माँ' होती हैं।
मरते तो सभी हैं जहाँ में इक दिन, किरदार अच्छा हो तो विदाई हसीन होती हैं। -
मरते तो सभी हैं जहाँ में इक दिन, किरदार अच्छा हो तो विदाई हसीन होती हैं।