कितना खोफनायक होगा वो मंजर, जब क़यामत आयेगी
इन इश्क के मारों की वजह से, ये दुनिया ढह जायेगी— % &-
मोहब्बत के दरिया में
उतरे हो तो डूब जाना
ऊपर रहोगे तो मारे जाओगे
या खुद ही मर जाओगे-
अपने नाम को मेरे लिए
बदनाम न कीजिए
अपना काम कीजिए हम पर
एहसान न कीजिए-
किसी से इश्क करते हो
तो खामोश रहिएगा
जरासी ठेस से
वरना ये शीशा टूट जाएगा-
बदलने को तो इन आंखों
के मंजर कम नहीं बदले
तुम्हारी यादों के मौसम
हमारे ग़म नहीं बदले
तुम अगले जन्म में हमसे
मिलोगी तब तो मानोगी
ज़माने और सदी के इस
बदल में हम नहीं बदले-
अगर वो पूछ ले मुझसे
कि किस बात का ग़म है
फिर किस बात का ग़म है
अगर वो पूछ ले मुझसे-
तुम्हारा मेरा रिश्ता जज्बात से जुड़ा है
ये वो संगम है जो बिना मुलाकात के जुड़ा है
मिलना बिछड़ना तो सब नसीब की बात है
ये वो बन्धन है जो तेरी खुशी और मेरी चाहत के एहसास से जुड़ा है-
कुम्हार जब घड़ा बनाता है तो बाहर से तेज थपथपाता है और अंदर प्यार से सहलाता है एक सुंदर मजबूत इन्सान बनने के लिए अपने कुम्हार यानी हरि पर भरोसा रखिए वह हमें टूटने नहीं देंगे
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देखो हमारी आंखों में तुम्हें तुमसा मिलेगा
यूं तो सारी दुनिया देखी होगी, हमें भी तुममें अपना सा देखने को मिलेगा-