26 DEC 2017 AT 21:25

सफ़र में चलते रहना है या थक कर ठहर जाना है
फ़लक से बात करनी है, चाँद लेकर के आना है
उसे दिन भर याद करके फिर, शाम को भूल जाना है
हर शब में उसको लिखना है, सहर होते मिटाना है

हाँ, मैं अक्सर भूल जाता हूँ।।

- ख़ाक