24 DEC 2017 AT 2:15

कहाँ जाना है रातों में कहाँ पे दिन बिताना है
यहीं पे रह के हँसना है या कहीं रोने भी जाना है
कौन से ख़त को रखना है और किसको जलाना है
उजाले में ही रहना है या चराग़ों को बुझाना है

हाँ, मैं अक्सर भूल जाता हूँ।।

- ख़ाक