सारे आलम में मोहब्बत की घटा छाई है
आप आये तो ज़माने में बहार आयी है,

जब तबियत गमे तन्हाई से घबराई है
हम तेरे साथ है ये उनकी सदा आयी है,

सारी दुनिया की निगाहों से गिरा है बेदम
तब कही जाके तेरे दिल मे जगह पाई है,

हर जगह मेरे लिए सबने बिछाई पलकें
हर जगह तेरी ही निस्बत मेरे काम आयी है,

जो भी आईना मोहब्बत की नज़र से देखा
तेरी सूरत उसी शीशे में नज़र आई है,

- अशहर गौहाटवी