Ashfaaq Khan   (Ashfaaq khan)
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Joined 25 June 2019


Joined 25 June 2019
16 MAR 2020 AT 21:15

उसके नजदीक गम-ए-तर्क-ए-वफ़ा कुछ भी नहीं,
मुत्मईन ऐसे है वो जैसे हुआ कुछ भी नहीं...
अब तो हाथों की लकीरें भी मिटी जाती है,
उसको खो कर तो मेरे पास रहा कुछ भी नहीं...
मैं तो इस वास्ते चुप हूं कि तमाशा ना बने,
तू समझता है मुझे तुझसे गिला कुछ भी नहीं...
- N. F. A. K.

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16 MAR 2020 AT 12:27

मेरे हाथो से तराशे हुए पत्थर के सनम,
मेरे ही सामने भगवान बने बैठे है...
मैंने पत्थर से जिनको बनाया सनम,
वो खुद हो गए देखते देखते...
-N.F.A.K.

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15 MAR 2020 AT 13:47

चुप रहना भी चाहूं और कहना भी चाहूं,
की मैं तेरे दिल में रहना भी चाहूं...
मैं बहना भी चाहूं तेरी रवानी में,
और तेरी नज़ाकत को सहना भी चाहूं...

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14 MAR 2020 AT 18:37

इश्क़ बहुत है हमको तुमसे, ये बात हमें मालूम है...
क्या तुमको ये मालूम है? ये बात हमें मालूम नहीं...

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8 SEP 2019 AT 13:42

मैं जब जब देखता हूं तेरी इन चंचल आंखों को...
दिल मेरा मचलने लगता है, अब दिल को कौन समझाए..
इसको ही मोहब्बत कहते हैं, अब कौन मुझे ये बतलाए...

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7 AUG 2019 AT 20:59

ये तेरे इश्क़ का है असर जो संवर सा गया हूं,
तेरे आने से पहले तो बहुत बिखरा हुआ था मैं...

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27 JUL 2019 AT 22:00

Aaye hai jiski khaatir hum is haalaat me...
Kuch to baat thi yaaro us zaalim ki baat me...

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22 JUL 2019 AT 14:47

ये जज्बातों का शहर है यारो, यहां के कुछ उसूल जुदा हैं...
आपको बताया नहीं किसी ने यहां ज्ञान चो*ना मना है...

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21 JUL 2019 AT 22:35

वो जो कहते थे, तुम्हारे बिना हम किधर जाएंगे,
हमें तो गुमान था कि हमारे बिना वो मर जाएंगे.

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21 JUL 2019 AT 14:20

ये तेरे इश्क़ का असर है जो मैं बिखर गया हूं,
एक दौर था जब मैं भी बहुत ख़ुशमिजाज़ था..

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