बहुत खाए धोखे,बहुत खाई ठोकरें।
तुझे क्या ख़बर कि हम कैसे जिए
और कितनी बार मरे।
चलो जो हुआ अच्छा हुआ।
तेरी चाहत की बैसाखियों को तोड़,
हम अपने पैरों पे तो हुए खड़े।
याद है वो हर बात जो तूने थी कही,
मैं खुद के लिए खुद ही काफ़ी हूं अब,
जा तू आज़ाद है अब मुझे तेरी जरूरत नहीं ।-
कि ये रिश्ते ,ये नाते
आपका साथ निभाएंगे,
ग़लत हो साहब आप फिर,
क्यूंकि आपसे नहीं,
आपकी हैसियत से जुड़ते हैं जो,
वो बुरे वक्त में कहाँ काम आयेंगे।
हैं तो इंसानी फितरत ये,
मौसम की तरह,
अपने खास भी बदल जाएंगे
-
इतनी सी है इंसान की औकात,
एक साँस भी फालतू ना मिलेगी,
आम आदमी को तो छोड़ो बात,
राजा महाराजा की भी नही बिसात।
अगर घमंड हो अपनी दौलत और अहुदे पर,
तो जा कर देख लेना किसी मुर्दे के हाथ,
कि क्या क्या लेकर चला गया वो साथ।-
बहुत बार हुआ है कि मेरे अपने मेरे चारों तरफ़ हों
और मैं बिल्कुल तन्हा और अकेली उस शोर में ।
ओह मैं तो भूल ही गयी, अपना तो सिर्फ पैसा है,
प्यार और अपनापन बचा ही कहाँ है इस दौर में।
तकलीफ़ उस बात की नहीं साहब कि वो बदल गए,
ग़म इस बात का है कि जलने वाले चाल चल गए।
-
वो जगती है तो पूरा घर जगता है,
वो बिना चाबी का अलार्म बन जाती है,
वो पकाती है तो पूरा परिवार खाता है,
वो अन्नपूर्णा बन जाती है,
वो पूरे घर को व्यवस्थित करती रहती है,
और वो मकान को घर बनाती है,
आदमी सिर्फ कमा कर लाता है,
औरत उस कमाई में बरकत लाती है,
आजकल तो उसे घर और बाहर दोनों सम्भालना है,
घर से दफ्तर और दफ्तर से घर की दौड़ लगाती है,
और एक चलती फिरती रोबोट बन जाती है,
इतना करने के बाद भी कहाँ सम्मान पाती है,
औरत के बिना अस्तितव ही नहीं संसार का,
हर दिन, हर पल, हर क्षण औरत का ही तो है,
तो फ़िर ये दुनिया सिर्फ एक ही दिन नारी दिवस क्यूँ मनाती है,
Happy women's day.-
पैसा....
लोग कहते हैं कि पैसा हाथ की मैल है ..
पर मुझे एक बात समझ नहीं आती कि सब कहते हैं कि पैसा ज़रूरी नहीं है, रिश्ते ज़रूरी हैं फिर लोग रिश्ता उसी से क्यों निभाते हैं जिसके पास पैसा है ..
क्या फायदा ऐसे रिश्तो का जो आपके साथ जब हो जब आपका finacial status बढ़िया हो .....जहाँ पे देखे पैसे चार पैदा हो गए रिश्तेदार,और जो पैसा देख के रिश्ता निभाए ... ऐसे रिश्तेदारो को गोली मार|||-
बिल्ली बोली कि किसी बेकसूर जानवर को मारकर खाना पाप है,
वो बात अलग है कि थोड़ी देर पहले वो चूहे को पकड़ कर खा के आई थी
और अभी जा के भी खाने वाली थी।
पर दूसरों को तो समझा रही है ना बेचारी 🤣🤣🤣🤣😇😇😂😂😅😅😜😜😜😜-
बिल्ली बोली कि किसी बेकसूर जानवर को मारकर खाना पाप है,
वो बात अलग है कि थोड़ी देर पहले वो चूहे को पकड़ कर खा के आई थी
और अभी जा के भी खाने वाली थी।
पर दूसरों को तो समझा रही है ना बेचारी 🤣🤣🤣🤣😇😇😂😂😅😅😜😜😜😜-
खुद को खुद ही इज्जत देना सीख लो यारो,
सस्ते लोगों से महँगे तोहफों की उम्मीद किया नहीं करते।-
तेरे बिना रह नहीं सकती बस इतना जान लो बाबा,
कहीं डूब ना जाऊँ मेरा हाथ थाम लो बाबा,
जय श्री श्याम-