कल हमने अपनी तकलीफ़ आसमा को बताया।
आज हमारे हिस्से की आँशुओ से,
फुट- फुट कर वो रोया।।
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जब तक आपस मे तकरार है
समझो वो रिशता बरकरार है।
जिस पल खामोसी ने जगह ली
समझो रिश्तें ने आखरी सांस ली।-
Ek patni apne pati ko sab se aage rakhti h.
Par wahi pati apni patni ko sb k bad rakhta h
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Aash kya lagana logo se...
Andhere me to...
khud ki parchhai v sath chor deti h.-
हमारी तो नाराजगी भी कीमती है जनाब...
यूं ही किसी पर हम लुटाया नहीं करते l
हक है तुझ पर मेरा ....
यू गैरों पर हम जताया नहीं करते l-
समानता होती है तभी तो सम + बंध जुडता है
फिर रिश्तों मे तेरा मेरा कैसे होता हैं।-
Hmari tarif me wo kuch u farma gaye...
K...tum se bahesh me koun jitega
Tumhari to 👁👁 aankhe v bante karti h....
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कुछ सोच के ही रुक जाते हैं पाव मेरे
वरना आशिक तो हजार खड़े हैं राह में मेरे।-
बंसी एक ही सुर में क्यों बाजे हैं ...
मानो सारे सुर त्यागे हैं ....
हाल ना पूछो मोहन का
स्वर मे सिर्फ राधे राधे है....-
Jo nh bolna wo v bol jate h log
Pata nh paiso ka kon sa sasta nasha kar aate h roj.... — % &-