इक आशिक का दिल यूं तोड़ा नही करते
बीच राहों में किसी का साथ यूं छोड़ा नहीं करते
है मोहब्बात फिर कह दे ना उससे,
बात लबों तक ले जा के मुंह यूं मोड़ा
नही करते-
बढ़ना➡️ to 🖇️लाज़मी sa है
📢शोर jo पन्ने📖 करने lage हैं
🌃स... read more
ज़िक्र उसका लेके लाबों पे आती क्यूं है
आए किस्मत हर बार मुझे आजमाती क्यूं है-
जो शैलाबों में रहते हैं
वो खटकन को न डरते हैं
उनका क्या होगा जानी
जो एक बूंद को तर्शन हैं-
कभी सोचा न था कोई चाहेगा इतना
चाह कर हमे तड़पाएगा इतना।
दूर हुए जो उससे हम वो बनके
याद शताएगा इतना।।
सोचे नही थे हम जितना कोई अपनी
जान बनाएगा इतना।
हम से जायदा हमपे कोई अपना
हक़ जताएगा इतना।।
कभी सोचा न था कोई चाहेगा इतना
चाह कर हमे तड़पाएगा इतना।।।-
हम bhi किसी ki चाहत me सदियों se बस्ते honge
अभी na मिले na ही sahi कहीं pe तो wo रस्ते honge
ख़ुद hi ख़ुद me ना hain जैसे aise लगते honge
वो bhi तो honge जो apne दिल me मेरा dil रखते honge-
अपनी तन्हाई को अक्सर मैने यूं दूर किया है
उसके कभी न होने पर भी उसको महसूस
किया है
की उसका मिलना ही बेहतर था या उसकी
दूरी ही मुनासिब समझू
पूरा तो मैं न हुआ अधूरा ही एक आशिक
समझू
ऐसे ही कुछ पैग़ाम लिखे थे चलो, उनको
भी अब ख़रीद समझू
दूरी जो सही फिर दूरी ही मुनासिब समझू।-
Kuch kam kuch jayda
Zindagi ne sarahya bahot hai
Hum bane na kabil kuch
Usne banaya bahot hai
Tutna bikharna tut tut kar bikharna
sayad kudh si hi khud ko sataya bahot-
धड़कन जैसे थमी जा रही
सांस है कि दबी जा रही।।
हम दीवाने न थे यारा
और,
तु है के बस करे जा रही।-
Majburi hai ye meri ki,
kuch mazburi hai meri.
Pass bhi hain or,
Kuch doori bhi hai teri.-
Khud ki nazaro me gire hain
Nazar kya milaaye kisi se
Naraz kisi se hain hi nahi
Hum Raaz kya bataye kisi se-