मैं जानता हूं तुम भी यही चाहते हो,
के मेरे पास कोई होता,
जिसका मैं दिन भर दिमाग खाता,
जिसे मैं दिन भर अपनी बकवास सुनाता,
जिसे मैं रात को सोने से पहले तक पकाता,
मगर, कोशिशें मेरी कामयाब नहीं होती,
कोई तुम्हारी जगह लेने को राजी नहीं!!!-
एक तुम्हारा दिल ही था मेरे पास, दौलत के नाम पर,
तुमने फिर से मुझे, गरीब कर दिया.!!!-
मैं आज, अभी, दूर जाने को राजी हूँ,
उम्मीदें मगर मुझे, मरने नहीं देती,
मेरा मुझेमे मेरा अब कुछ रहा नहीं,
और तू मुझे मेरा कुछ करने नहीं देती..!!!-
तुम शायद तंग आ गयी हो,
एक इन्सान तुम्हारे संग है लेकिन,
तुम्हारी जंग ज़माने से होगी,
मेरी मेरे संग है लेकिन,
तुम्हारी मंजिलें बहुत होंगी,
मेरा कोई रास्ता तुमसे आगे नहीं जाता लेकिन,
दुआयें तुम्हारी सारी क़बूल हो, दुआ है,
मेरी कोशिशें कामयाब नहीं होती लेकिन..
हो सके तो माफ कर देना,
मैं किसी माफ़ी के क़ाबिल नहीं लेकिन…।।।-
मैं हर रात तुमसे दूर चला जाता हूँ,
मगर हर सुबह तुम्हें ही,
सोचने से होती है,
कभी सोचता हूँ के सोचना छोड़ दूं
फिर कभी सोचता हूँ कि क्यू ना जागना छोड़ दूं.!!
ना तुम आओगे ना तुम्हारे आने की आस होगी,,
मैंने कभी सोचता भी नहीं के,
ख़ुशियाँ भी मुझे रास होंगी!
मैं टूट कर बिखर जाने को राजी हूं,
सोच मगर कहती है कल फिर से मुलाक़ात होगी!!-
मैं चाहे जितना भी कर लूं, मगर,
उतना नहीं कर पाता के तुम्हें लगे के,
कुछ किया है!!
मैं दिल निकाल कर भी रख दूं, मगर,
डर है कहीं ये ना कह दो,
टूटा हुआ है….दिख रहा है,
तुमने ठीक से सिया नहीं है ..!!!!-
मैं तुम्हें किसी भी मुश्किल में,
छोड़ूँगा नहीं,
तुम्हारी परेशानियों मैं तुम्हारा हाथ,
छोड़ूँगा नहीं,
मैं भले तुम्हारी चाहत ना सही,
मैं अपनी चाहतें,
छोड़ूँगा नहीं..
तुम दूर जाओ ये गवारा नहीं, और
पास आने का कोई मौका मैं,
छोड़ूँगा नहीं,
तुम मेरे लिए मेरे हो, और
मेरा कुछ मैं पीछे,
छोड़ूँगा नहीं,
जान भी लग जाये मेरी, खुशियाँ तुम्हारी,
तुम्हारी ही होंगी, कसर इस बात में,
छोड़ूँगा नहीं..
दिल या दिमाग़ की दूरियाँ बेशक रहें,
हाथ और साथ, ये वादा है,
छोड़ूँगा नहीं.!!!!-
Har baar tumse milta hun k jaise,
Aakhri baar ho,
Yun to har koi kahli hath aata hai, or
Khali hi jata hai, main magar,
Sath le jana chahta hun,
Tumhe chune ka ehsaas, or
Tumhare hoothon ki mithas…
Har baar bus ye sab samet k,
Le aata hun k gar,
Kal jana hi pada to,
Har zururi cheez sath ho mere,
Har baar tumse milta hun,
K jaise aakhri baar ho.!!!-
Ladunga, ladunga jab tak har subah,
Tum mujhe gusse se na uthao,
Ladunga, ladunga jab tak tum har raat,
Pyaar se mujhe na sulao,
Ladunga, jab tak main galtiyan karta rahunga,
Or tum mujhe har sham,
Meri Din bhar ki galtiyan na sunao,
Ladai ye haar ya jeet ki nahi hai magar,
Ladunga tab tak jab tak kisi roz,
Tumse haar na jau, or,
Ladunga tab tak jab tak, Khud se jeet na jau..!!!-