Hey, Hi There!! I am an ‘Option’, Not like the one and only correct option But I am one of the correct Options.
You choose only me, or you don’t choose me at all, you loose!
And this was my life as an Option Until the Life happened, One day I was made aware that, I am optional but the question I am one of the answers to, is optional too…!! Life happens..!!-
कुछ बात है तो बात कर लेते हैं,
नहीं बात करनी हो तो,
वो बात कर लेते हैं,
धीरे- धीरे मारने से बेहतर,
एक बार खंजर आर-पार कर देते हैं …!!!-
परवाह दुनिया की करता हूँ,
बस सुनकर बात तेरी,
दुनिया के लिए दुनिया होगी,
मेरी तो तू ही है दुनिया मेरी 🥰-
ख़ुद को जहाँ में तलाश किया मैंने,
खोया जबकि मैं तुझमे था,
सब जो हो सका किया मैंने,
मिला न ख़ुद से मैं,??
फिर मेरे घर में आईना तलाश किया मैंने..
ख़ुद की लंबाई का, एक आईना लिया,
ख़ुद को निहारा तो मैं ख़ुद में, दिखाई न दिया,
दिखायी दिया, आईने में तू,
गिरते ख़ुद को गिरने भी दिया मैंने नजरों से अपनी,
आईने को मगर ज़मीन पर गिरने न दिया,
टूटने भी दिया ख़ुद को तुझमें,
फिर ख़ुद को तुझमे रहने का इशारा भी किया,
खोया तुझमें ही रहना है,
टूटना है तुझमें, तुझसे ही जुड़ना है,
तलाश तुझमे ख़ुद को पाने की, या
चाह, तुझमें खो जाने की,
हर तलाश में तुझे तलाश किया मैंने,
खोया मैं तुझमे ही था, फिर भी,
ख़ुद को कहाँ कहाँ न तलाश किया मैंने???-
ज्यादा क्या होगा, फ़िर तोड़ दोगे,
फिर से तन्हा छोड़ दोगे?
आओ एक बार और छोड़ने के लिए आओ,
मैं जुड़ गया हूँ,
मुझे फ़िर से तोड़ने के लिए आओ,
मगर आओ,
आओ के मैं जुड़ना नहीं चाहता,
मैं अच्छा भला था,
पर मैं अपना भला नही चाहता,
मैं चाहता हूँ के या तो फना हो जाऊँ,
या मैं तेरा सदा हो जाऊँ,
मगर तुम आओ,
मुझे ये बताने के लिए आओ,
मेरे कुछ करने का मोल नहीं है,
जो तुम्हारे दिल में है,
वो बेशक तुम्हारे बोल नहीं हैं,
और ना होंगे कभी,
क्योंकि प्यार,प्यार है,
जिंदगी से अनमोल नहीं है,
मान गया हूँ सब,
फिर भी आओ, मुझे तोड़ जाओ,
बिखरा हुआ सही था मैं,
मुझे चट्टान से रेत कर जाओ,
आओ आ कर मुझे तोड़ जाओ।।।।-
तुम्ही सफर हो, तुम ही हो घर भी,
तुम्ही सुकून हो, तुम ही कहर भी,
तुम्ही रात हो, तुम ही सेहर भी,
तुम्ही हो जीवन, तुम ही जहर भी,
तुम्ही से तारे, तुम ही ज़मी भी,
तुम यूँ तो हो भी, तुम ही नही भी,
तुम्ही से पूरे, तुम ही कमी भी।।।।-
तेरी ख़ामोशियों की आवाज़ सुनी मैंने कल,
तेरी धड़कनों को, तेरी बातों के,
ख़िलाफ़ जाते सुना मैंने,
मेरे सीने पर मालूम हुई मुझे
तेरे दिल मे हो रही हलचल,
मेरे होठों को छू कर, जब बोले लब तेरे,
मेरे जिंदगी के बने वो बेहतरीन पल,
बिन बोले तूने मुझे बता दिया,
कि तुझे पा कर हुआ ये जीवन सफल,
मैं कहता हूँ छोड़ ज़माना, ये दुनियादारी,
मेरे साथ चल..
एक सुनसान जगह, एक गुमनाम शहर,
जहाँ बस तू और मैं हो एकदूसरे के हर पल,
तेरी ख़ामोशियों ने बहुत बातें की कल...!!-
समझ नहीं की, मैं अपना हूँ या तेरा हूँ
दूरियाँ तो कह रही के तू ढलती रात
और मैं नया सवेरा हूँ,
इश्क है जो कहता है
तू रात है, तो मैं तेरा अँधेरा हूँ,
फासले तो कह रहे के
तू तराशी मूरत और मैं
ज़मीं पर गिरा मिट्टी का चूरा हूँ,
इश्क है कि मानता नहीं
कहता है, तेरे बिन अधूरा
और तुझसे ही मैं पूरा हूँ!-