जब पुकारना हो मुझे ,वो मेरा नाम भूल जाता है,, उसे इश्क तो आता है ,पर करना भूल जाता है,, उसे कहना कि मुझे यूँ मुस्कुरा कर ना देखे,, ये दिल तो पागल है,धड़कना भूल जाता है !
कितनी मिन्नतें ,कितनी आरज़ू करता हूँ ,, अब तो सिर्फ तेरी ही जुस्तुजू करता हूँ,, तूने कहा था तुझे डर है दुनिया के रिवाज़ो से,, ले आज तेरे नाम अपनी सारी आबरू करता हूँ ...