मोहब्बत ये नहीं के
सुहाना समां, हसीन तुम, जवान दिल, हाथ में गुलाब,
मोहब्बत तो ये है के
रोता मन, दूर तुम, बेचैन दिल, साथ में शराब।-
Facebook: Asad Rehman
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मुफ़्त नहीं है इश्क़ यहां,
कुछ कीमत हमनें भी चुकाई है,
जिस खेल में हार निश्चित हो,
वहां तक जान की बाजी लगाई है।-
मोहब्बत तो मैखाने में दिखती है,
चंद दामों पर खुशियां बिकती है,
धर्म-जात ऊंच-निच सब पीछे छूट जाते हैं,
बस बोतलें खुलती हैं और यारियां होती हैं।-
चलो दो लफ्जों में अपनी कहानी सुनाएं,
मैं सूरज वो रात अब और क्या बताएं।-
इमरोज़ मैं बेहोश हुं,
या मोहब्बत में सरफ़रोश हुं,
वाक़िफ हुं तुम्हारी बेवफाई से,
पर मैं तुझमें ही मदहोश हुं।-
भरे हुए हैं मैखाने, सारी बोतलें खाली पड़ी है,
लगता अब रिश्तों में भरोसे की बहुत कमी है।-
अपनी इस मुस्कान के पीछे
हजारों दर्द छिपाएं बैठे हैं,
दिल किसी और पर खोकर
दिल किसी और से लगाएं बैठे हैं।-
खुदगर्जी छोड़ी खुद्दार बना,
खुद्दारी छुटी जब प्यार किया,
प्यार किया तब दर्द मिला,
दर्द मिला तो खुदरंग बना।-
इश्क़ की बाज़ी में, जान दाव पर है,
जीत गए तो जन्नत, और हार गए तो आज़ादी।-