इन खुली हवाओं मे कैद बेचैन परिंदा हूँ मैं,
मुझे तेरे प्यार की बंदिशों की आज़ादी चाहिए
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बह जाने दो उन यादों को इन आँखों से ,
कहते हैं बारिशों के बाद फिज़ाओं में ठंडक आ जाती है..........-
Sometimes you have to give up,
You have to fake a smile,
You have to sacrifice your joys,
You have to bend down,
To let everything go..........
Not because you want to,
But because its hurting you to the Extent,
that u better decide to let that pain go
Away forever even if it costs ur pleasures......
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समझने लगा है वो मुझे मेरी आंखों मे देखकर,
आहिस्ता अब मुझे उस लम्हे से मोहब्बत हो चली है-
वक़्त बेवक़्त यूँ टूटना, बिखरना ,
यूँ तुम्हारा छुप छुप कर रोना....
कब तक जारी रहेगा,
आखिर कब तक दोस्ती को प्यार समझने की गलती करते रहोगे-
Its strange how everything is changing so rapidly in my life....
I don't even remember the last time when i poured my heart out to someone...-
पहेलीयाँ सुलझाने में बहुत माहिर है वो ,
काश मेरी मोहब्बत भी उसके हिसाब की थोड़ी उलझी होती .....-
चाँद को तलाश्ती उन आँखों में मैने अपना सवेरा ढूँन्ढ लिया था,
दूरीयाँ रास्तों की ना होकर अब अल्फ़ाज़ो की हो चली थी
और सितारे फ़िर एक बार मोहब्बत की दास्तान लिखने को तैयार बैठे थे.......-
कुछ खोया है मुझसे मेरा आज फ़िर,
कुछ मायूसी इस लम्हे मे छायी है
कि बरसा है मौसम आज मुझसा ही एक बार,
कि याद मुझे फ़िर तेरी ही आयी है
कुछ पाया है मैने मेरी इस तन्हायी मे,
कुछ हंसी तेरी मेरे अश्क़ो मे समायी है
ये दिल की ज़मीन आज भी बन्जर है तुझ बिन,
आ भी जा अब कैसी ये जुदायी है
कुछ बिखरा हूँ मैं खुद को जोड़ने की गुज़ारिश में,
कुछ हवाएँ नगमे तेरे लायी हैं
वो बीते जो प्यार के पल तेरे संग,
वो कहानी तेरी मेरी फ़िर मुझे याद आयी है .....
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लौट कर आज किसी टूटे दिल के जज़्बात जगाने आये हो ना तुम,
पता है मुझे तुम आज भी उसकी तस्वीर से घंटों बाते किया करते हो
लफ़्ज़ो के आइने मे ,खुद को तलाशने आये हो ना तुम
कि तुम्हारे दिल की बेचैनी को आँखों से झरते देखा है मैने,
आज फ़िर अपने दर्द की आह से ज़माने की वाह-वाही लूटने आये हो ना तुम,
उसकी रुख्सत होने की तड़प छुपाने आये हो ना तुम,
मोहब्बत को दोबारा जीने आये हो ना तुम ,
के मुर्दा बदन मे फ़िर से सिहरन जगाने आये हो ना तुम,
एक बार फ़िर शायर बनकर आये हो ना तुम......-