Aryan
-
गर इश्क की गलियों में मैं बदनाम ना होता"
सिर्फ एक नाम था बस रख लिया यूँ ही,
क्या इसका भार ज़िन्दगी भर ढोना होगा ।
और कितना टूटना बाकी रह गया मुझे,
आखिर कब तक #आर्यन होना होगा ।।-
ऊपर हो कहीं ,
बादलों में कहीं ग़ुम हो।
ये धरती इसलिए सलामत है,
क्योंकि आसमाँ में तुम हो।-
इन अधूरे ख्वाबों का क्या फायदा,
बिना शीर्षक कहानी का क्या फायदा।
जिसमे धुलकर भी नजर ना पावन बने,
आंखो में ऐसे पानी का क्या फायदा।-
हिमाद्रि तुंग श्रृंग से
प्रबुद्ध शुद्ध भारती।
स्वयंप्रभा समुज्वला
स्वतंत्रता पुकारती।
🙏🙏 जयशंकर प्रसाद 🙏🙏-
जैसा तकाज़ा है इस जहां का,
वैसा लिखना अभी नहीं सीखा।
मुफ्त बटता हू मै तो,
बिकना अभी नहीं सीखा।
एक ही चेहरा है मेरा कमबख्त
जैसा देखना चाहते है,
वैसा दिखना अभी नहीं सीखा।-
दुनिया हकीकत जानने को बैठी, पर पता कुछ भी नहीं,
इलज़ाम हजारों हैं, पर खता कुछ भी नहीं।
ये जान ना पायोगे क्या है मेरे जहन में,
सारे पन्ने भरे हुए हैं पर लिखा कुछ भी नहीं।।-
कुछ अधर्मी लोग धर्म की किताब मांगते हैं,
कुछ किया भी नहीं किसी के लिए, फिर भी अपने किए का हिसाब मांगते हैं।
सच बोलने वालों के चेहरे पर नकाब नहीं हुआ करते
एक बार तुम्हारा भी समय आएगा
क्योंकि उसकी राजनीति में चुनाव नहीं हुआ करते
-