सितमगर सितम ढा कर भी न खुश होता हुआमिरी आँखों में इक मोती तरल होता हुआबड़ी पाबन्द हैं पलकें, झपकने भी लगीं - चेतस
सितमगर सितम ढा कर भी न खुश होता हुआमिरी आँखों में इक मोती तरल होता हुआबड़ी पाबन्द हैं पलकें, झपकने भी लगीं
- चेतस