12 AUG 2017 AT 22:37

सितमगर सितम ढा कर भी न खुश होता हुआ
मिरी आँखों में इक मोती तरल होता हुआ

बड़ी पाबन्द हैं पलकें, झपकने भी लगीं

- चेतस