पंछी धागा प्रेम का छोड़ि देहुं जजमान ।
धागा खींचे पर कटे आसमान बलवान ।।-
From Gonda/Prayagraj/Kanpur (U.P.)
Ph.D in Geography
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ज़द में नहीं हूं आजकल.. तोहमत है हम पर!!!
तो बता दूं कि,
गर दीदार बद्र का हो जाए तो समंदर भी बेज़ब्त होता है।-
कटनी थी जितनी भी कट चुकी तन्हाई है..
मयार बख़्शेंगे तो जिंदगी, नहीं तो जान पर बन आयी है-
हम दोनों को हम जैसे बहुतों मिलेंगे..
पर यकीन है कि,
अब से हम दोनों लोगों से कम ही मिलेंगे।-
बेपनाह मुहब्बत है तुम्हें, हमसे
मुझे मालूम है मेरी जान्..
पर दुनिया से यूं उलझना अच्छा नही
ना तुम्हारे लिए ना हमारे लिए!-
वह सुनना चाहता है तुम्हारी बातों की झनकार को, और बताना भी अपने दर्द और प्यार को..
वह खिलाएगा अपने हाथों से अपनी ही थाल में, बस मत पड़ना जूठन के बवाल में..
साज-सज्जा और श्रृंगार भी करेगा, और पिकनिक सैर-सपाटा भी कराएगा वह बेशक
बस गैर मत समझना उसे व्यवहार में..
पाना है सपनों की उचाईयों को तो बात और ठीक है बस साथ रहना उसके, बिना पंखों के लेकर उड़ जाएगा तुम्हें वह सपनों के संसार में..-
जब दिमाग का दही हो रक्खा हो तो थोड़ा धैर्य और रखलो.. बस समझो की मक्खन निकलने ही वाला है
😃😃-
आजकल आईना भी आईने को आईना दिखाने लगा है
क्योंकि, वह जो था..बेपरवाह मस्त और बिंदास सा
जिंदगी के हर मोड़ पर वह,
..अब झिझक सा जाने लगा है-
दुनिया पूछती है, कैसे आसान होता है सब मेरे लिए😐
जेहन में आता है की बता दूं, उसकी शादी हो गई
..कोई इंतक़ाम नहीं बस मेरा रास्ता वन_वे है, बहुत दूर तक जाना है मुझे..
#बेबाक_जिन्दगी-