वह सुनना चाहता है तुम्हारी बातों की झनकार को, और बताना भी अपने दर्द और प्यार को.. वह खिलाएगा अपने हाथों से अपनी ही थाल में, बस मत पड़ना जूठन के बवाल में.. साज-सज्जा और श्रृंगार भी करेगा, और पिकनिक सैर-सपाटा भी कराएगा वह बेशक बस गैर मत समझना उसे व्यवहार में.. पाना है सपनों की उचाईयों को तो बात और ठीक है बस साथ रहना उसके, बिना पंखों के लेकर उड़ जाएगा तुम्हें वह सपनों के संसार में..