Arya Krishan आर्य कृष्ण   (कृष्ण आर्य)
2.6k Followers · 6.5k Following

read more
Joined 29 January 2020


read more
Joined 29 January 2020

कोई नहीं है अपना जहां में फिर भी क्यों ये सपने बने हैं
कब तक साथ निभाए हम भी क्यों किसी के अपने बने है

-



आज भी एक चेहरे पे मेरी नजर है
टूट कर चाहा पर वो भी बेखबर है
यू तो सारे जहां को देखती है ये आंखें-२
जब तक मैं देखूं उसे मुझे न सबर है

-



सुनो ! राधिके प्रेम हमारा
यूं जग के अंत रहा
तुम रही ना मैं रहा
लेकिन प्रेम जग में यूं रहा

-



तुम्हारे बाद ये मेरा हमदर्द मौसम आया है
तेरी आंखों का रंग मेरी आंखों में उतर आया है
ये फिजा,ये बाहर , ये जन्नत, ये नजारे- सब फिके हैं_२
मिले जो तुमसे तो जीवन संवर आया है

-



बहुत कुर्बानियां देनी पड़ती है मोहब्बत के शहर में
लोग बोलते हैं तू दीवाना है
बहुत चोटे खानी पड़ती है जख्म नहीं भरते इस जहर में
लोग बोलते हैं तू अंजना है
तुझसे और तेरी गलियों से मैं थोड़ा दूर क्या हुआ_२
रात के जुगानुओं के साथ भी जले हम हर पहर में
लोग बोलते हैं तू परवाना है

-



तुझे चाहना किसी पूजा इबादत से कम है
तेरी प्रेम साधना,पंक्ति में सबसे पहले हम हैं
आओ मिलकर , मिटकर दूरियां दूर करें_२
वर्ना इस मुकम्मल जहां में गम बहुत है

-



भौतिक संसार में प्रेम नाम की कोई वस्तु है
ही नहीं क्योंकि प्रेम का वास्तविक अर्थ है -
प्राप्ति जो की भौतिक संसार में पूर्णतया संभव है

कोई विषय, वस्तु, पुरुष, स्त्री सांसारिक
आकर्षण के केंद्र हमें अच्छे लगते हैं
जिसे हम अज्ञान वश प्रेम समझ लेते हैं
बाकी वह प्रेम होता नहीं
"कलाम का सिपाही'
सवरचित अधूरा उपन्यास तृतीय खंड

-



हिंदी की में भाषा हूं
शब्दों की परिभाषा हूं
व्याकरण का सार हूं
शब्दों पर निसार हूं

उपसर्गों की कहानी हो
संज्ञा की में जवान हूं
संज्ञा में खास हूं
विशेषण में सरताज हूं

कल नहीं मैं आज हूं
मैं हिंदी की आवाज हूं

-



हां मानता हूं जहां मैं मेरा अस्तित्व शून्य हैं
लेकिन मैं वसूलों से समझौता नहीं कर सकता

-



आज नहीं तो कल हम सभी को जुदा होना है
आंखों में हो सपना सुनहरी फिर क्या रोना है
एक डाल के पत्ते हैं थोड़ा तो दुख यू होता है
लेकिन इस जहां मे क्या पाना और क्या खोना है

-


Fetching Arya Krishan आर्य कृष्ण Quotes