तू अगर सलीक़े से तोड़ता मुझे,
तो ये टुकड़े भी काम आते तेरे,
ये टुकड़े ! अब किसी और के 'रत्न' हैं-
अरविन्द सिंह भदौरिया
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Joined 7 November 2018
11 SEP 2024 AT 11:13
5 DEC 2022 AT 20:54
मन करता है अब तो वैरागी हो जाऊं...।
काशी की गलियों में खो जाउ..।
जब आये अंत समय तब मैं बाबा के चरणों में सो जाउ...।-
5 AUG 2022 AT 18:35
चंदन सी सुगंधित बातें करते हैं..!
कुछ प्याज जैसे सड़े लोग..!
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27 FEB 2022 AT 12:18
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धूल का,
मगर दो बूँद बारिश ने औकात बता दी।-
13 FEB 2022 AT 19:39
करते हैं मेरी कमियों को बयां इस क़दर
लोग अपने किरदार में फ़रिश्ते हो जैसे..!-
11 FEB 2022 AT 11:29
आज न जाने कितने वादे होंगे,
कुछ झूठे होंगे...
कुछ सच्चे होंगे..
पर वादे पे वादे होंगे..!-
10 FEB 2022 AT 18:37
चंद पन्ने क्या फ़टे जिंदगी की किताब के साहिब,
लोगों ने समझा कि हमारा दौर ही खत्म हो गया..!-
29 JAN 2022 AT 16:56
आप कितने भी अच्छे इंसान क्यों न हो..
आप हमेशा किसी की कहानी में बुरे जरूर बनोंगे..!-
8 JAN 2022 AT 16:38
परख से परे है शख्सियत मेरी,
मैं उन्हीं के लिए हूँ जो समझे कदर मेरी।।-
27 DEC 2021 AT 21:21
खुद में ख़ुद को खोज रहा हूँ..
बाक़ी सब तो Google पर मिल जाता है..!-