अरविन्द सिंह भदौरिया  
18 Followers · 9 Following

Joined 7 November 2018


Joined 7 November 2018

तू अगर सलीक़े से तोड़ता मुझे,
तो ये टुकड़े भी काम आते तेरे,
ये टुकड़े ! अब किसी और के 'रत्न' हैं

-



मन करता है अब तो वैरागी हो जाऊं...।
काशी की गलियों में खो जाउ..।
जब आये अंत समय तब मैं बाबा के चरणों में सो जाउ...।

-



चंदन सी सुगंधित बातें करते हैं..!
कुछ प्याज जैसे सड़े लोग..!

-



खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धूल का,
मगर दो बूँद बारिश ने औकात बता दी।

-



करते हैं मेरी कमियों को बयां इस क़दर
लोग अपने किरदार में फ़रिश्ते हो जैसे..!

-



आज न जाने कितने वादे होंगे,
कुछ झूठे होंगे...
कुछ सच्चे होंगे..
पर वादे पे वादे होंगे..!

-



चंद पन्ने क्या फ़टे जिंदगी की किताब के साहिब,
लोगों ने समझा कि हमारा दौर ही खत्म हो गया..!

-



आप कितने भी अच्छे इंसान क्यों न हो..
आप हमेशा किसी की कहानी में बुरे जरूर बनोंगे..!

-



परख से परे है शख्सियत मेरी,
मैं उन्हीं के लिए हूँ जो समझे कदर मेरी।।

-



खुद में ख़ुद को खोज रहा हूँ..
बाक़ी सब तो Google पर मिल जाता है..!

-


Fetching अरविन्द सिंह भदौरिया Quotes