Arvind Rajpurohit   ('आरुणिपुत्रAvi')
1.3k Followers · 350 Following

read more
Joined 22 August 2018


read more
Joined 22 August 2018
3 APR 2020 AT 21:18

ये मंजर जल्दी से गुज़र जाए,
फिर से खुशियों का एक दौर आए,
और फिर कोई अपना अपने को,
चाय पर बुलाने से ना घबराए।

-


3 APR 2020 AT 19:54

आओ बैठो कुछ बाते करे,
खुद से खुद की मुलाकातें करे,
लफ्ज़ जो हैं कैद,
चलों उन्हें आज आजाद करे।

आओ बैठो कुछ शरारतें करे,
जो खो गया हैं उसकी तलाश करे,
वक़्त जो है मिला,
उसे यूं रूठने में ना बर्बाद करे।

आओ बैठो सपनों में रंग भरे,
चलो फिर से शुरुआत करे,
पुरानी को छोड़कर,
अब कुछ नई बात करें।

आओ बैठो कुछ यादें बुने,
दर्द छोड़कर खुशियों को चुने,
अपनों के पास बैठकर,
चलों उनके दिलों की बातें सुनें।

चलो अब उठों कुछ काम करें,
पूरे दिन इतना ना आराम करें,
हर दिन खुद में,
कुछ नया सुधार करें।

-


16 JAN 2020 AT 21:58

यूँ याद आया ना करो,
सपनों में आकर यूँ सताया ना करो,
माना अज़ीब हूँ थोड़ा सा...
पर यूँ सबके सामने बताया ना करो।

सामने आकर यूँ मुस्कुराया ना करो,
यूँ सरेआम इश्क जताया ना करो,
माना तुम सा हसी नहीं...
पर यूँ सबके सामने उड़ाया ना करो।

अपनी आँखों से इश्क लडाया ना करो,
यूँ खुद को झूठ समझाया ना करो,
माना तुम टुकड़ा हो चाँद का...
पर यूँ अपने हुस्न पर इतना इतराया ना करो।

कितनी बार कहा हैं तुम्हें.....
अपनी अदाओं से हमे मारकर,
खुद मर जाया ना करो।।

-


14 OCT 2019 AT 17:04

एक अज़ीब एहसास....!!
चाँद-सितारे....
मासूम सा चेहरा और मुहब्बत की वो बात।
ठंडी हवायें....
भाव-विभोर मन और हमारे वो ज़ज्बात।
बाहों में बाहें....
जिस्म की खुशबु और प्यार भरी वो रात।
आसमान के नीचे....
सही गलत से परे, रूह की रूह से मुलाकात।
वो एक धुंधली सी याद,
वो रात.... और एक अज़ीब एहसास...!!

-


29 AUG 2019 AT 20:31

कुछ इस तरह गिरता रहा हूँ हर बार,
कि अब पड़े रहने की आदत सी हैं।
मत करो तुम मुझे उठाने की कोशिश,
मुझे उठाना एक आफत सी हैं।

-


29 AUG 2019 AT 20:16

कोई सवाल क्यों नहीं करता।
कोई बवाल क्यों नहीं करता।
सब इतने ख़ामोश क्यों हैं,
कोई आवाज क्यों नहीं करता।
सब मुर्दे से लग रहे हैं,
कोई इसमें जान क्यों नहीं भरता।

-


26 AUG 2019 AT 20:53

अपनों की मेहरबानी ने बोलना सीखा दिया,
वर्ना हम भी कहाँ इतना बोलते थे।

-


26 AUG 2019 AT 20:49

रहते खुंखार जानवर,
भूखे है, शोहरत के, बने हैं, नफ़रत से,
दिखते हैं, अपने से, डरते हैं, दूसरों के सपने से।
आदमखोर हैं, डरावने है, झगड़ालु हैं, खौफनाक हैं।
बचना मुश्किल है, लड़ना मुश्किल हैं, हारना तय हैं।
क्योंकी
हर तरफ बस उनका ही साया है,
देखों तो ज़रा आईने में,
शायद एक और आदमखोर आया हैं।

-


25 AUG 2019 AT 20:42

ख़ामोशियाँ घुटती रहीं बंद कमरें में,
पर किसी ने जाकर
उसका हाल तक नहीं पूछा।

-


25 AUG 2019 AT 20:22

, जिस पर अब चलना है।
खामोशी को पढ़ना हैं, बातों को समझना है,
रातो को जगना हैं, सवेरे को परखना हैं,
जो हुआ वो भूलना हैं,अब बस हँसना हैं,
एक ही रस्ता बचा है, जिस पर अब चलना हैं ।

-


Fetching Arvind Rajpurohit Quotes