मत बता मुझे,ये मंदिर और मस्जिद की रसूख कि कहानी,
मैं एक मजदूर हूं,पता नही कितने भगवान और अल्लाह के घर,
इन हाथो ने ही बनाये हैं.
#मजदूर_दिवस-
जमाने में जब कोई हम सा नहीं"......
😘😘😍
सरकारी नौकरी लग जाना भी कहीं तकलीफों का इलाज है... 😊
धन्यवाद दुनियां चलाने वाले... ❤-
सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन
यदि दुःख में साथ न दें अपना,
फिर सुख में उन सम्बन्धों का
रह जाता कोई अर्थ नहीं।।
छोटी-छोटी खुशियों के क्षण
निकले जाते हैं रोज़ जहाँ,
फिर सुख की नित्य प्रतीक्षा का
*रह जाता कोई अर्थ नहीं।।*
*दिनकर जी*-
भूले हुए गुनाह भी लाना हिसाब में
आसां नहीं था खुद को बदलना किताब में
शारिक कैफ़ी
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इतना खाली कभी कुछ नहीं हो सकता,
जितना खाली होता है भरा हुआ एक मन।
इतना भरा कहीं कभी नहीं रहता,
जितनी भरी होती हैं दो खाली आँखें।
अंतस की सारी शून्यतानिरंतर फैलकर,
निगल जाएगी किसी दिन ये अम्बर।
इतना विस्तृत कहीं कुछ नहीं होता,
पास बैठे दो लोगों के बीच पसरी तन्हाई जितना-
मैं चाहकर भी नही रहता उस आशियाने में,
जो हमने तुम्हारी यादों के सहारे बनाया था
❤️❤️-
नफरत भी नहीं है,तुमसे गुस्सा भी नहीं है
और तेरे जिंदगी का अब हिस्सा भी नहीं हुँ.. !-