जब तक सांसों में सांस है,
तब तक आस है
जिंदगी में हौसला बनाए रखना।
भीड़ कितनी भी हो,
खुद को खोने ना देना, बचाए रखना।
क्या पता इसी भीड़ में वो भी तुम्हें ढूंढ रहा हो, जिसकी तुम्हें तलाश है।
हर कोई मतलबी हो इस दुनिया में जरूरी तो नहीं,
बस इतना विश्वास बनाए रखना।
मिले मंजिल, हों पूरे सपने तुम्हारे
मैंने तुम्हारे लिए की है,
तुम भी सबके लिए यही दुआएं करना।-
जिंदगी इम्तिहान लेती रह गई हम पास होकर निकल गए
मेरा होकर भी, उनके पास जाना चाहता है,
नजरें फेर ली जिसने, उनका प्यार पाना चाहता है।
रहता है मेरे सीने में, धड़कन उनके नाम की
ऐसी बेक़रारी भी भला किस काम की।
माँगा भी उनसे जो खुद ही गरीब हैं,
इस दिल की फरमाइशें भी अजीब हैं।
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कभी मुहब्बत भी थी या बस वहम था मेरा,
जो भी था पर वक्त अच्छा गुजरा।
चेहरा तो असली था ना तुम्हारा,
या चेहरे पर भी था एक और चेहरा?
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आजाद परिंदा है तू,
आज यहाँ, कल कहाँ?
तिनको का है घोंसला,
परिंदे का पक्का घर कैसा?
दाना चुगकर पेट भर,
आगे का फिकर कैसा?
सब यहीं छोड़कर जाना है फिर,
खो देने के डर कैसा?
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"मुस्कान की चमकान"
इतना भी ना मुस्कुराया करो,
हमेशा पकड़े जाते हो,
कभी तो दिल के दर्द को,
चेहरे पर लाया करो।
चेहरे पर चेहरा अच्छा नहीं लगता,
उतार कर फ़ेंक दो,
अगर सचमुच खुश हो तो,
खुल कर खिल-खिलाया करो।
💕 अरविन्द मुराल 💕-
दूर हूं जरूर, पर मजबूर नहीं,
मोहब्बत का सुरूर, पर गुरुर नहीं।
दूर रहना अच्छा नहीं लगता, पास होना चाहता हूं,
जो हो सबसे जुदा, तुम्हारा वह खास होना चाहता हूं।
ये करवटें, यह बेचैनी किस्सा हैं तुम्हारी रात का, कभी मौका मिले, तो मैं भी इसका हिस्सा होना चाहता हूं।-
ले लेना पक्का वादा,
हां-ना में झूलने मत देना।
छा जाना दिलो-दिमाग पर ऐसे,
चाहकर कर भी भूलने मत देना।।-
तेरे 'शबाब' की खुशबू लिए तेरा 'गुलाब' आया,
था इंतजार जिसका आज वो 'जवाब' आया।
पन्ने जोड़-जोड़ कर लिख डाली मैंने 'किताब'
सुकून से सोया तो इक खूबसूरत 'ख्वाब' आया।।-
यकीनन ये इक हसीन नज़राना बन जाएगा,
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें, अफसाना बन जाएगा।-
उम्र गुजर गयी पर दिल नादान ही रहा,
वो सब जान गए और मैं अंजान ही रहा।-