Arvind Kumar   (Arvind Kumar)
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Joined 12 April 2017


Joined 12 April 2017
13 APR AT 11:02

निशां साहिल पे कदमों के, मैं जब भी ढूंढने निकलूं,
मेरी आंखों के कोनों को, समंदर याद आता है।

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21 DEC 2023 AT 9:34

हवा में घुल चुका कोई ज़हर है,
दवा भी मर्ज़ पर अब बेअसर है।

चलो सब मूंद लें, अब अपनी आंखें,
कि इस शब की, नहीं कोई सहर है।

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15 DEC 2023 AT 10:30

तल्ख़ शामों के ज़रा बोझिल से लम्हे जैसा मैं,
और कभी खिलती हुई कलियों के हिस्से जैसा मैं।

चंद सपने, कुछ किताबें और इक आवारगी,
साथ ले कर चल रहा, बचपन के बस्ते जैसा मैं।

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31 MAY 2023 AT 23:57

हमारी राह जहां ले के हमको आई है,
वहां ज़मीं नहीं पहुंची, फ़लक नहीं पहुंचा।

उठेगी चीख जब, थर्राएगा जहां सारा,
हमारा दर्द मगर, हद तलक नहीं पहुंचा।

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8 APR 2023 AT 22:34

दरिया में है कैद समन्दर, देखो ना,
बाहर छोड़ो, मन के अंदर देखो ना।

दिल पे ज़ख्मों के हैं, थोड़े दाग़ मगर,
तुम मुझमें बस मस्त कलंदर देखो ना।

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8 APR 2023 AT 12:15

नया सा इक ज़माना चाहता हूं,
वहां सब कुछ पुराना चाहता हूं।

कोई मुझसे मेरी औकात पूछे,
मैं फिर से दुःख मनाना चाहता हूं।

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20 MAR 2023 AT 9:25

सुखन को इतना तो करना होगा,
ये बस ज़रा सी उमीद सबको,
अकेली राहों पे साथ चलना,
झुलसते मौसम में काम आना।

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23 FEB 2023 AT 22:01

मैं जिस कल पे था आया टालता सब,
वही कल आज आ पहुंचा है, देखो।

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19 FEB 2023 AT 22:31

आसमां का रंग उतरा, ज़र्द मंज़र हो गए,
दूर जाना यूं तेरा, इस दिन की रंगत खा गया।

फिर किसी ने ज़िक्र तेरा कर दिया है बेवजह,
फिर कोई ले कर नमक, ज़ख्मों के जानिब आ गया।

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16 NOV 2022 AT 22:33

जो बची हुईं हैं जहान में, उन खूबियों को तबाह कर,
ये जो सुर्खियां हैं न.. सुर्खियां, इन्हें हादसों की तलाश है।

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