जब अंधे को दिखाई देना शुरु होता है तो सबसे पहले वो उसी छड़ी को फेकता है जिसके सहारे वो कभी चला करता था!
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तेरे शहर की इमारतों से भी ज्यादा ऊंची थी मेरी ख्वाहिशें,
वक्त बदला तो गांव की झोपड़ी की याद मुझे सताने लगी।-
आधार कार्ड से उसकी शक्ल मिलने लगी है,
जब से सुबह से ही गर्म हवा चलने लगी है।
जो कहती थी कभी,मैं दुनिया से डरती नहीं,
वो हवाओं से चेहरा छिपाकर चलने लगी है।-
बदला वक्त तो आज उनके पास वक्त ही नहीं है,
जो कभी पास आकर घण्टो मेरा वक्त जाया करते थे!-
निभाना है रिश्ता तो बेवकूफ बनना सीखो,
समझदारी दिखाई तो रिश्ते बिखर जायेंगे!-
जब भी जिक्र आयेगा
तेरी जिंदगी में मेरे शहर का,
यक़ीन मानो तुम हमेशा निःशब्द होगे!-
किसी एक की मुहब्बत में नस काटकर जान देने वालों,
गर उतना रक्त दान कर दो तो कइयों की जान बच जाये।
Think Positive-
ना दिन खत्म होने दूंगा,ना रात खत्म होने दूंगा,
"जी भर जियो" उसकी दुवा कुबूल ना होने दूंगा।-
लोग गैरों को बदनाम करते हैं,दिल दुखाने के लिए,
हम कहें तो किससे,कि अपनों से चोट खाये हुये हैं।-
जब सूतियापे के सवाल पर भी,जबाब में तार्किकता होती है तो सुनने वाला प्रभावित हुये बिना नहीं रह सकता।
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