आज मन में गम-ओ-गुस्सा है मेरे देश के इन हिन्दू भाइयों पर,
कैसे कहूँ 'तो क्या हुआ', दुख है सब लोग क्यूँ न टूट पड़े उन उग्रवादियों पर,
(Rest in Caption)-
Respected friends, all my written wo... read more
सुन न यार, कितना अच्छा हो ज़िन्दगी के वो पल जवां हो जाएं,
अरविंद देखता रहे इस हसीं नूर को, और ये गुमान सुर्ख़ हो जाए ।
-✍️ Arvind Akv-
हयात-ए-सफर में हर शख़्स डूबा है ना जाने किस ख़्याल में,
एक हस्सास सुर्ख़ हम-नफ़स एहसास का गुरूर, उस सुरूर में,
रबाब से शादमाँ, ये शम-ए-फ़रोज़ाँ से इशरत करता बेसुध सा,
अरविंद लहरों से सीखो मसरूर होकर साहिल संग शाद रहना ।
-✍️ Arvind Akv-
प्रेम रस से महकती शोख अदीब छवि मन में छा गई,
अरविंद ये पाक मुकद्दस नादानी इस दिल को भा गई ।
✍️ Arvind Akv-
दोस्त, बस ऐसे ही उम्रभर मुस्कुराती रहा करो, अच्छा लगता है,
अरविंद से गुफ़्तगू किया करो, यूँ ज़ख़्म छुपाना अच्छी बात नहीं ।
-✍️ Arvind Akv-
ज़िन्दगी के सफ़र में कितना आगे बढ़ आये हैं हम,
एक साहिल की तलाश में बस भटकते आये हैं हम,
रेल का डिब्बा अंधेरी रात में यूँ चल रहा खामोश,
अंदर अंधेरा लेकिन बाहर चाँद रौशन हुआ मगरूर,
एक दरीचे से बाहर के हसीं नज़ारे ताक लेता हूँ मैं,
चाँदनी रात का एहसास ही कितना तरन्नुम रूमानी है,
एक झोंका ठंडी हवा का, झिंझोड़ देता है ख़्वाब को,
कहाँ गया है तू, पूछ लेता ये झोंका कड़क होकर मुझसे,
लफ़्ज़ों का तो खेल है सारा, क्यूँ हमें खेलना न आया,
अरविंद और दरीचा का ये मेल क्यूँ दुनिया को न भाया ।
-✍️ Arvind Akv-
रिद्धि सिद्धि गणपति दाता, हो तुम जग के पालनहार
शिव-गौरी नंदन, रहना दास अरविंद के सदा ही साथ ।
-✍️ Arvind Akv-
दोस्त, कर लेता हूँ एक गुफ़्तुगु तुझसे,
इस गुफ़्तुगु से कर लेता हूँ दीदार तेरा,
शदीद भावुकता नशा है छाया हुआ,
अरविंद को सम्भाल लेना मित्र ।
-✍️ Arvind Akv
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ये अंदाज-ए-नज़र के क्या कहने,
दुनिया कहती पत्थर इस दिल को,
मुकद्दस रूह की गहराई से देखा,
अरविंद दिखता रब है यहाँ ।
-✍️ Arvind Akv-
ये नज़र-ओ-लब हैं ख़ामोश, मेरी खुशी मेरी सीमा ढाए कयामत,
अरविंद तुझ बेनज़ीर हुस्न के आगे, ये पायल तो मचल ही जाए ।
-✍️ Arvind Akv-