बड़े बुज़र्गों से सुनी एक कहानी थी, भारत माँ की आज़ादी की,
200 वर्षों से अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों में छटपटाहट थी,
झांसी की रानी, बहादुर शाह ज़फ़र, मंगल पांडे, नाना साहिब,
तांत्या टोपे, कुंवर सिंह, अब्दुल गफ्फार खान, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी,
लाल, पाल, बाल, नाम हैं अनेक दिलाई आज़ादी सिर्फ़ हमारे लिए,
नाम ये मैंने लिए कुछ एक आज़ादी के लिए दी खुद की आहुति इन परवानों नें,
रंग दे बसंती चोला, राजगुरू सुखदेव भगत सिंह, सबने दी कुर्बानी थी,
ये हैं सब आदर्श हमारे, तो फिर क्यूँ न गर्वीला हो इतराता जाऊं,
अरविंद नमन है वीर शहीदों को, इन सब माँ भारती की विभूतियों को ।
-✍️ Arvind Akv
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