Arushi Singh  
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Joined 19 April 2017


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Joined 19 April 2017
1 JAN 2023 AT 0:23

तुम्हे लिखते-लिखते तुम में यूं खो गई..!
जहां थी फिर तुम्हे कागज़ों मैं पिरोती
वही अश्कों सी चूर-चूर हो गई..!

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7 JUL 2022 AT 16:36

में मेरी मुश्किल हु काल को शायद आसानी भी हो जाऊँ ...
आज सिर्फ धुंध हु काल को शायद तूफानी भी बन जाऊं।

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29 JUN 2022 AT 23:27

एक किस्सा एक कहानी ...
आंखों के आगे कुछ ऐसे सुरु हुई.
जाने कितने मोड़ से गुज़र रही है।
अभी बैठे इंतज़ार कर रही हु..
ये देखने को की आगे और क्या-क्या होगा।

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29 JUN 2022 AT 23:23

कुछ अलग ही था वो ।
कुछ अलग था उसमें ।
मुझे मेरी खूबसूरती कुछ ऐसे बताता
....
जिस दिन आंखों में काजल देखता उस दिन मुझे देख खूब
मुस्कुराता।
कुछ घर सा महसूस होता उसकी बाहों में ।
कभी मुह से अपनापन मांगने की जरूरत ही नही होती..
मानो दुनिया भर का सारा इश्क़ उसके संगीत में बस्ता ।
मुझ संग चांद देखने की बातें करता है..
उसकी सादगी उसकी काला से प्रेम हो जाए।
पर लफ्ज़ बहुत काम थे।

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24 JUN 2022 AT 12:10

लगभग हर चीज़ में संभाल कर रखा है मेने तुम्हे ।
और तुम्हारी हर चीज़ को ।
किताबों में मेरी हर एक की गई बातों में मेरे अल्फाज़ो में,
हर सुबह में , होती शाम में , मेरी तुझे सोच कर की गई मुस्कान में,
हर की हुई मुलाकात में, हर शाम से लगती रात में , हवा के झोंके में...
बहुत कम है बताना जताना उस हर एक छोटी-छोटी चीज़ों को।

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16 JUN 2022 AT 15:40

ये बात बिल्कुल हकीकत है
की कुछ रातें बहुत खूबसूरर होती है
जब तुम और तुम्हारी तन्हाई साथ बैठे मुस्कुराकर एक दूसरे से
बातें करती है

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16 JUN 2022 AT 15:34

कुछ सवाल होंगे.
कुछ जबाब होंगे।
में लिखूंगी.
उसके ख्याल होंगे।
सबसे सुंदर बात तो ये होगी शाम की ...
की में सोचूंगी जहां वो रहता होगा....
उस जगह के नजारे खूबसूरती से बेहाल होंगे ।

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14 JUN 2022 AT 21:12

मैं मजबूर नही हु,मैं मेरी हु..
सिर्फ अपने लिया ही कर रहीहु मैं ये सब..
किसी ऐसे इंसान की चाहत के ख्वाब रख रही हु,
जो मुझे मेरे होने के लिए प्यार करें।
व्या गलत है इसमें ?
क्या गलत है इसमें थोड़ी खुदगरज़ हो कर खुद के लिए
सोचना और उस शख्स की जगहा को दिल में महफूज़
रखना।
जिसका में कब से इंतेज़ार कर रही हु..
दिखता नही क्या ? मेरे खुदग़रज़ होने का उसे कितना बड़ा
फायदा है ..
इश्क मिलेगा उसे मेरा।
जो किसी को मैं नसीब भी नही होने दे रही।
किसी को खिलवाड़ बना कर छोड़ देने के लिए नही देरी
अपना ये कीमती प्यार..
जो आज के जमाने में कोई करता ही नही।
और लोग चाहते है में मेरी भी न होऊ..
मजबूर हो के रह जाऊ बस।

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14 JUN 2022 AT 18:38

बस तुम मुझसे उस किताब की तरह जान ने की
कोशिश करना।
जिसे तुमने कभी पढ़ा ही नही..
जब पढ़ना चालू करो तो इन शब्दो में उलझे रह जाना।

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22 MAY 2022 AT 17:44

सिसकती आंखों से प्यार गिरता है उसकी यादों में..
एकतरफा इंतज़ार चलता है इरादों में.
कही तो किसी पर मिलेगा मुझे मेरे यार..
ऐसे ऐतबार मिलता है अपनी बातों में।

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