यार आज याद आ रही है तेरी
पर तु सामने होकर भी नही है अब मेरी
अनजान बनने के इस खेल मे
ना जाने कहाँ खो गई है यारी तेरी मेरी-
उसे देखकर ही अब दिल बहला लिया करते है
उसे सुनकर ही अब सुकून पा लिया करते है
नही रही तमन्ना अब करीब जाने की
वो पास है सोचकर ही दिल बहला लिया करते है-
छुड़ा कर हाथ मेरा वो ना जाने कहाँ खो गया है
ढूँढ़ा मैने जब तो वो अब किसी और का हो गया है
खुशी की लकीरे देखकर चहरे पर उसकी
मेरा दिल भी अब सुकून की नींद मे सो गया है-
वो कहती है लहजा बदल गया है अब तुम्हारा
अरे बेवकूफ रिश्ता भी तो बदल गया है अब हमारा
पहले सबसे पहले रहती थी तुम
अब आखिर मे भी नही है नंबर तुम्हारा-
किसी रोज उसको एक खत लिखूंगा मैं,
खत मे उसकी हर एक खता लिखूंगा मैं,
इश्क़ मैं यूं बदनाम कर दिया मुझे,
अब उसे हर हर्फ़ में बेवफा ही लिखूंगा मैं।-
वक़्त पर इतना ऐतबार ना किया कर लड़की।
बदल दिया करते है ये सब नादान लड़की।।
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बात अधुरी रह गई,
याद धुंधली रह गई,
ट्रेन जो आखरी छूट गई मेरी,
मुलाकत एक अधुरी रह गई।
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तेरी आँखो मे खो जाने को दिल करता है।
तेरी बाहों मे सो जाने को दिल करता है।
तु क्यूँ नही समझ पाती ए लड़की,
तुझे अपना बनाने को दिल करता है।-