एक रूहानी दुनियां, जिसमे आना जाना तो है पर ठहरना मुश्किल।
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चांद पागल है रातों को निकल पड़ता है।
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सरगम सरगम सरगम,
मीत मेरा, मन मीत मेरा।
धड़कन धड़कन धड़कन
सुनती है संगीत तेरा।
आहट आहट आहट,
तेरी सांसों की आहट।
आती है दिल की गलियों से,
जब छेड़े दिलसाज़ मेरा।-
सोचा है सौ बार , मगर सौ बार ये टूटा मन,
झूठी प्यार में कसमें खाएं, नजरें देखें तन।-
चाहत वो अहसास है, जो आपको खुश रहना सिखाता है,
चाहत वो अहसास है जो आपको जीना सिखाता है,
चाहत वो अहसास है जो किसी पर मिटना सिखाता है।-
सब ओर पानी ही पानी,
कुदरत से खेलने वालों,
देखो अपनी कारस्तानी,
तुमने काटे वन उपवन,
धरती का कर डाला दोहन,
अब बारिश के मौसम में,
चारो ओर दिखे है पानी.....-
अभी,
चाँद तुझको ठहरना होगा।
वक़्त यूं ही न निकल जाए
कहीं,
चाँद तुझको ठहरना होगा।
तमाम,
ख्वाबों का जिक्र करना है,
टूटी,
नींदों की फिक्र करना है,
लेना है,
मुझको हर पल का हिसाब,
अभी,
चाँद तुझको ठहरना होगा।
रात से बात चल रही है.......-
मुहब्बत की तो की,
जताई न होती,
बात दिल की ज़ुबां पर,
आई न होती,
दिल टूटता तो टूट ही जाता,
इस तरह प्यार में,
रुसवाई न होती।-
भावनाओं को व्यक्त करने का सरल तरीका ,
गूढ़ बातें, छोटे शब्द,
सरल बन गए मुक्तक, छंद
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भोर को आना ही है, देर हो चाहे जरा,
रात के आंचल से छिपता नहीं है उजियारा,
मगर रात और सुबह के बीच का अन्तराल,
होता है बेसब्र, कष्ट दाई और बहुत लंबा,
सूरज के भरोसे पर, रात से बैर नहीं लेते।
सरकने देते रात का आंचल आहिस्ता आहिस्ता,
और दूसरे कोने पर उगते सूरज से नई भोर का
अभिवादन करते है……-