जन्मदिन मुबारक हो
जन्मदिन आया लेकर खुशियां हज़ार
कमल-सी खिली रहें कमल दी आप
लेखन कार्य में चमके पाएं ऊँचा नाम
सरल हृदया दीदी रहें हृदय के पास।।
अरुणा कालिया
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जय श्रीराम 🙏
राम अकेला शब्द नहीं
पूर्ण ब्रह्मांड समाया है
लाख करे अट्टहास रावण
अच्छाई मिटा नहीं पाया है।-
सुकून
जमाने को दिखाना पड़ता है
चेहरे पर सुकून लाना पड़ता है
वर्ना रोते चेहरे को देखकर
भला कौन दिल दिया करता है।-
जिस पथ पर चला मुसाफ़िर
जिस पथ पर चला मुसाफ़िर मंज़िल की तलाश में
तेरी मंज़िल तुझे पुकारे थक ना मत बीच बाज़ार में।
चुंबकीय सा बढ़ता जा तू, भटक न जाना राह में
मंज़िल पर नज़र हो तेरी, बढ़ता जा तू शान से।
विपरीत दिशा भी खींच रही, भटक न तू मझधार में
मुश्किलों से मुंह न मोड़ो, डरना मत तू हालात से।
सीधी राह चला चल बंदे जब तक तन में प्राण ये
मुसाफ़िरों को मंज़िल मिल ही जाती दृढ़ विश्वास से।।
अरुणा कालिया-
व्यक्ति को प्रसन्नचित्त रखता है
दिल बाग बाग हो जाता है
मन में फूल खिल खिल जाता है
मन-मकरंद सा मंडराता है।-
जिंदगी की जंग जीतनी पड़ती है
हार जीत की चिंता किए बगैर
भटकन कहें जिंदगी की इसे या
जुनून जीत का शस्त्र लिए बग़ैर।।-
आस निरास
आस निरास के फेर में
कटी उम्र सारी
न छोड़ा दामन आस ने
न निरासा गई मन से।।-
शादी की सालगिरह
शादी की सालगिरह मुबारकबाद
आशीष प्रद्युम्न अमिता को बारंबार
साथ निभाओ इक दूजे का हरबार
चाहे कितना ही हो मन पर भार।।
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