तू कहीं भी रहे सर पर तेरे इल्ज़ाम तो है,
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है।।
मुझको तू अपना बना या ना बना तेरी ख़ुशी,
तू ज़माने में मेरे नाम से बदनाम तो है।।
मेरे हिस्से में कोई ज़ाम ना आया ना सही,
तेरी महफ़िल में मेरे नाम कोई शाम तो है।।
देखकर लोग मुझे नाम तेरा लेते है,
इसपे मैं खुश हूँ, मोहब्बत का ये अंजाम तो है।।
वो सितमगर ही सही देखके उसको साबिर,
शुक्र है इस दिल-ए-बीमार को अराम तो है...- Illusion
6 JUN 2019 AT 10:41