असर ये हुआ उसके जाने से, आवाज़ आने लगी मैखाने से।
बातें करने लगा मैं रातों से, धूल उड़ने लगी किताबों से।
हर क़तरा जाम का शौक से पिया गया
हर शौक पूरा किया इन हाथों से
फिर उसकी कही बातें भी आती है याद
आने दो क्या ही होता है बातों से
बेबस पंछी आज अब्र का राजा है, अब तो उसको डर नहीं हवाओं से।
आने वाले जो थे सारे अपने थे,कोई गिला नहीं है जाने वालों से।
धीरे–धीरे याद भी उसकी जाएगी, डर लगता है मुझको उसकी यादों से
अब ज़ुल्फ़ों के जाल से दूर ही रहना है, क़ैद था मैं इस जाल में सालों से...✍️-
कल एक झलक ज़िंदगी को देखा, वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी।
फिर ढूँढा उसे इधर उधर, वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी।
एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी।
हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से, मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी।
मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया कमबख्त तूने,
वो हँसी और बोली- मैं ज़िंदगी हूँ पगले
तुझे जीना सिखा रही थी....
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(एक सोच)
एक सोच अकल से फिसल गई,मुझे याद थी की बदल गई।
मेरी सोच थी की वो ख़्वाब था,मेरी ज़िंदगी का हिसाब था।
मेरी जुस्तजू के बरअक्स थी,मेरी मुश्किलों का वो अक्ष थी।
मुझे याद हो तो वो एक सोच थी, जो ना याद हो तो गुमान था।
मुझे बैठे-बैठे गुमाह हुआ, गुमआह नहीं था खुदा था वो।
मेरी सोच नहीं थी खुदा था वो।
वो खुदा की जिसने जुबान दी,मुझे दिल दिया मुझे जान दी।
वो जुबां जिसे ना चला सकें, के वोही दिल जिसे ना मना सकें, के वोही जां जिसे ना लगा सकें।
कभी मिल तू मुझको बताएं हम,तुझे इस तरह से सताएं हम।
तेरा इश्क़ तुझसे छीन के, तुझे महफिल आके रूलाए हम।
तुझे दर्द दूं तू ना सह सके....
तुझे दर्द दूं तू ना सह सके,तुझे दूं जुबां तू ना कह सके,तुझे दूं मकान तू ना रह सके।
तुझे मुश्किलों में घिरा के मैं..कुछ ऐसा रस्ता निकाल दूं,तेरे दर्द की मैं दवा करूं,किसी हर्ष के मैं सेवा करूं।
तुझे हर नज़र पे उबोर दूं, तुझे ज़िंदगी का शहूर दूं।
कभी मिल भी जायेंगे गम ना कर,हम गिर भी जायेंगे गम ना कर।
तेरे एक होने में शक नहीं, तेरी नियतो को तू साफ़ कर...२
तेरी शान में कोई कमी नहीं,
अब रहा ही क्या जो बोलूं मैं...
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Yaad hai wo jo kehta tha,Mein hamesha hazir hoon tere liye.Tu bahot zaruri hai mere liye,Ab door door tak wo kahin nahi dikhta.Dikhta bhi hai to andhere liye,
Yaad hai wo jo bolti thi.Tumhare bina kuch achha nahi lagta,Mujhe mera din poora nahi lagta.Aaj muh modke aise baithi hai,Jaise kabhi koi rishta hi nahi tha.
Yaad hai wo dost saare, jo bolte the..
Ek call ki doori pe hain hum.Auro ki baatein band hoti hongi,Hamara nahi hoga kuch khatam.Ab itne door ho gaye hai sabhi,
Ab....
Itne door ho gaye hai sabhi,ki shayad wapas se Lena pade introduction.
Yaad hai wo ek shakhs hua karta tha.
Jo kehta tha...
Main in chakkaro me nahi padne wala.
Yeh rishte naate auro ke toot te honge
Mujhe inse faraq nahi padne wala..
Aaj kavitayen suna Raha hai wo toote Dil ki..
Aaj kavitayen suna Raha hai wo toote Dil ki..
To yaar lagta hai ki Bach jaoge tum,par ye pyar, Ishq, mohabbat se koi nahi bachne wala hai.
Koi nahi bachne wala.....-
बड़ी बेकार है मेरी जिंदगी, एक सवाल है मेरी जिंदगी।
बेवजह शोर करती है, एक रबाब है मेरी जिंदगी।।
ना दुनिया की है खबर, ना मेरी ये सुनती है।
बेवजह बहकता रहता हूं, एक शराब है मेरी जिंदगी।।
ना खुशियों की कद्र है, ना राहत से दोस्ती है।
मेरा सुकून ओढ़े रहती है, हिजाब है मेरी जिंदगी।।
हर शब्द झूठा है, हर ख्याल बेबस है।
शायरों की फेंकी हुई, एक किताब है मेरी जिंदगी।।
जो मुझसे ही अनजान है, बस ज़रा सी जान है।
जो कभी सच हो ना सके, एक ख़्वाब है मेरी जिंदगी।।
दुनिया को लगता है,आसान है मेरी जिंदगी।
मौत का एक फरमान है, मेरी जिंदगी
मुझ पर एक एहसान है, मेरी जिंदगी
बस पल दो पल की मेहमान है, मेरी जिंदगी...
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किस्से मेरी उल्फत के जो मरकूम हैं सारे,
आ.. देख तेरे नाम से मोसूम हैं सारे।
शायद ये ज़र्फ़ है जो ख़ामोश हूं अब तक...२
वरना तो तेरे एब भी मालूम हैं सारे..
सब जुर्म मेरी जात से मंसूब है, "अरुण"
क्या मेरे सिवा इस शहर में मासूम है सारे...🙂
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पहली नज़र में तुमने उसे पसंद लिया और उसने तुम्हें और इस Love at first sight को तुम मोहब्बत कह रहे हो तो, हो सकता है तुम गलत हो...क्योंकि यार पहली नज़र में तो हमें Antique चीज़े भी पसंद आ जाती है पर हम उसे घर में रखते हैं सिर्फ दिखावे के लिए, बस क्यूंकि देर रात तक तुम दोनों ढेर सारी बातें करते हो और इसे तुम मोहब्बत समझते हो तो, हो सकता है तुम गलत हो क्योंकि यार अकेलेपन के मारे तो दो अनजान मुसाफ़िर भी एक दूसरे से बात कर ही लेते हैं..अरे, अगर किसी लड़की को देखकर वो तुम्हारा हाथ पकड़ लेती है तो और किसी लड़के को देखकर तुम उसका और इस cute jealousy को तुम मोहब्बत कह रहे हो तो हो सकता है तुम गलत हो..क्योंकि यार परिंदों को पकड़ा जाता है पिंजरों में कैद करने के लिए उन्हें आज़ाद करने के लिए नहीं बस क्यूंकि अब तुम दोनों एक दूसरे की बातों को समझ पा रहे हो और इसे तुम मोहब्बत कह रहे हो तो हो सकता है तुम गलत हो क्योंकि याद रखो दो भूखे भखारी भी एक दूसरे की भूख समझ सकते है पर उसे मिटा नहीं सकते अरे,अगर तुम Aniversary का celebration हर महीने कर रहे हो और इसे तुम मोहब्बत कह रहे हो तो हो सकता है तुम गलत हो क्यूंकि दास्तान-ए-इश्क़ को बयां करने के लिए साल का कोई नंबर नहीं चाहिए होता अरे,बस क्यूंकि तुम उसी insta stories को और वो तुम्हारे snaps stories ka हिस्सा बन चुकी है.....
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मैं लिखता जाऊंगा बस कभी मेरी कहानी मुझसे मत पूछना,
थी मेरी कोई काशीबाई या थी कोई मस्तानी मुझसे मत पूछना..!-
सौदा हमारा कभी बाज़ार तक नहीं पहुंचा,
इश्क था जो कभी इज़हार तक नहीं पहुंचा,
यूं तो गुफ्तगू बहुत हुई उनसे मेरी,
सिलसिला कभी ये प्यार तक नहीं पहुंचा,
जाने कैसे वाक़िफ़ हो गया तमाम शहर,
दास्तान-ए इश्क वैसे अख़बार तक नहीं पहुंचा,
शर्ते एक दूसरे की मंजूर थी यूं तो,
पर मसौदा हमारा कभी करार तक नहीं पहुंचा,
गहराई दोस्ती की हम नापते भी कैसे,
रिश्ता हमारा कभी तकरार तक नहीं पहुंचा...
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