Arun Singh   (नवाब)
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Joined 3 April 2020


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27 JAN 2022 AT 13:48

उसने हमसे पूछा मोहब्बत करते हो मुझसे कितनी
हमने भी आसमां में इशारा करके बोल दिया इन तारों जितनी — % &

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15 DEC 2021 AT 9:39

इज़हार भी कर देना
रोज तड़प तड़प कर
खुद को बर्बाद ना कर देना

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12 DEC 2021 AT 11:56

यूं तो सजने सवरने को दुनिया है
तुम दुनिया के जैसे क्यों बनती हो
माथे पे बिंदी आंखों में काजल इतना ही बहुत है
तुम इसमें ही हुबहू हमें चांद लगती हो

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11 DEC 2021 AT 17:22

ऐ किस्मत तू हमसे किनारा ना कर
जो हमारा है बस उसको हमारा कर

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10 DEC 2021 AT 10:45

उसकी खूबसूरती बयां करने जब में महफिल में बैठा
मैंने चांद और ताज कहां लोग ख़ुद-ब-ख़ुद समझ गए

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12 APR 2020 AT 11:39

इक बार घर से निकल कर तो देखो
सूजा देंगे पतीला बाहर आकर तो देखो

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