जरा सा तारीफ क्या किये खुद का ताज समझ बैठी,
नाली के कीड़े जैसे लड़की खुद को चाँद समझ बैठी।-
From: Varanasi
बनकर इतवार रहना कौन नही चाहता,
नया अखबार रहना कौन नही चाहता,
ये तो घरवालें बांध रहे है नये रिश्तों के डोर में,
दुनिया में आजाद रहना कौन नही चाहता।-
बाहों में मेरे सोकर,
वो सपने किसी और की देखती रही;
बूँद के लिए मैं तरसता रहा,
वो बारिश किसी और पर करती रही;
मैं अपनी ख्वाहिशों को किस तरह ज़ाहिर करू ऐ अरुण,
चाँद मेरे साथ बनाकर,
वो किसी और के छत पर चमकती रही।-
मोहब्बत के सलाखों में रहकर जिसकी,
यादों के कैद में रहना चाहता था;
भरोशें की ताबीज़ बनाकर जिसकी
उम्र भर मैं उसे पहनना चाहता था;
रिश्तों का एक धागा ना सम्हाला उससे,
ज़िन्दगी में जिसकी मैं उतरना चाहता था।-
उसके होंठो पे अपने लिए मुस्कान नही ढूंढ पाए,
वो बाथरूम में उसके साथ बात ढूंढ लिए,
अकेले रहकर भी हम उससे मुलाक़ात नही ढूंढ पाए,
वो भरी महफ़िल में उसके साथ सुहानी रात ढूंढ लिए।।-
बहुत खा लिये कसमें, आओ ख्वाब बनाते है,
बहुत रहे खामोश, आओ राग बनाते है,
गुमान है उस चाँद को, अपने चाँद होने का,
हाथो से हाथ जोडकर, आओ चाँद बनाते है।-
किसी दिन आओ शहर को मेरे,... पता चलेगा,
रहते है कैसे गली में अपने,... पता चलेगा,
पहुँचता हूँ हर बार देर से मिलने,... शिकायत है तुमको,
पहुँचता हूँ हर बार देर से मिलने,... शिकायत है तुमको,
फ़सोगी एक बार जाम में जब तुम,... पता चलेगा।
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चली गयी तो जाने दो,
किसी दूसरे को आने दो,
ये ज़िन्दगी है, इसे घोसलों में कैद न करो,
आज़ाद जिओ और हर ख़ुशबू को आने दो।-
हरकतें अपनी सरे-आम करते हैं,
हमारी ही महफ़िल में हमें बदनाम करते है,
इतने गिरे हुए हो तो नजर ही बंद करलो ना,
क्यों हर बात पर अपनी काली जुबां करते हो।-