कुर्बानियाँ भर भर-कर ख़ून से नहायी हैं।
तब जाकर फिजां में आज़ादी आयी है॥-
Arun Kumar Choudhary
(Arun kr. ❤️❤️)
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Delhi Police Sub Inspector
सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
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सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
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Joined 7 January 2019
15 AUG 2022 AT 9:47
11 DEC 2020 AT 19:38
मिज़ाज में थोड़ी सख़्ती लाज़मी है हुज़ूर ।
लोग़ तों समंदर भी पी जाते अगर खारा ना होता।।-
8 JUN 2020 AT 4:25
एक उम्र गवाँ दि हमने चाहत मैं तेरी ।
बड़े ख़ुसनसीब होंग़े तुझे मुफ़्त में पाने वाले।-
5 JUN 2020 AT 14:22
लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं ।
जब इतना डरते हैं तो घर से निकलते क्यों हैं ।।-
9 FEB 2020 AT 10:01
मुझे फ़ुरसत कहाँ कि मौसम सुहाना देखूँ
तेरी यादों से निकलूँ, तब तो ज़माना देखूँ ।।-
20 JAN 2020 AT 22:58
मेरा किरदार, बिना इश्क़ के जंचेगा क्या?
अगर ख़ुद से तुम्हें निकाल दूँ, तो बचेगा क्या?-
28 DEC 2019 AT 11:42
न माँझी, न हमसफ़र, न हक़ में हवाएँ,
कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफ़र है।
बेसबब, दिए जा रहा है मुझे देने वाला,
ये मेरे माँ-बाप की दुआओं का असर है।।-
22 DEC 2019 AT 15:08
इश्क़ की गहराईयों से खूबसूरत क्या है।
तुम हो,,, मैं हूँ,,, और किसी की जरूरत क्या है।।-