23 APR 2019 AT 22:49

प्रेम तो निश्छल होता है
प्रेम की कोई भाषा नही होती
प्रेम तो बस देना जानता है
प्रेम की कोई परिभाषा नही होती।

प्रेम तो समर्पण है
प्रेम में भाव है
प्रेम अधूरा नही
प्रेम प्रभाव है

प्रेम में गुंजाइश नही
प्रेम में नुमाइश नही
प्रेम श्रद्धा है
प्रेम में आजमाइश नहीं।


अर्जुन इलाहाबादी

- अर्जुन इलाहाबादी