बीती हुई मोहब्बत💔 को याद ना कर जो मिल नहीं सकता उसकी फरियाद 🙇न कर, जिंदगी में रास्ते 🏞️🛤️और भी हैं जीने के ऐ दिल❤️🩹 तु नई शुरुआत तो कर| -
बीती हुई मोहब्बत💔 को याद ना कर जो मिल नहीं सकता उसकी फरियाद 🙇न कर, जिंदगी में रास्ते 🏞️🛤️और भी हैं जीने के ऐ दिल❤️🩹 तु नई शुरुआत तो कर|
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सुकून की बात न कर ऐ दोस्त बचपन वाला इतवार अब नहीं आता,बड़ी मुश्किल से सुलाया है मैने खुद को आंखों को तेरे ख़्वाब का लालच देकर | -
सुकून की बात न कर ऐ दोस्त बचपन वाला इतवार अब नहीं आता,बड़ी मुश्किल से सुलाया है मैने खुद को आंखों को तेरे ख़्वाब का लालच देकर |
इश्क़ करो तो मुस्कुरा करकिसी को धोखा न दो अपना बनाकर , कर लो याद जब तक जिंदा हैंफिर ना कहना चले गए दिल में यादें बसाकर| -
इश्क़ करो तो मुस्कुरा करकिसी को धोखा न दो अपना बनाकर , कर लो याद जब तक जिंदा हैंफिर ना कहना चले गए दिल में यादें बसाकर|
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हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम.. !! फिर वही गम भरी शायरी,फिर वही इकतरफा इश्क, फिर वही पुरानी यादें, फिर वही तुम, फिर वही नया साल !!मेरी तरफ से नए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं !! -
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम.. !! फिर वही गम भरी शायरी,फिर वही इकतरफा इश्क, फिर वही पुरानी यादें, फिर वही तुम, फिर वही नया साल !!मेरी तरफ से नए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं !!
ना पुछ तफ्सीर तू दर्दां दी , दुख दी नगरी का सुलतान आं में ।। ना खोल तू कब्रा दिल दियाॅं । बस इना समझ कब्रिस्तान हाॅं मैं , जेडा उजड़ के फेर नी बस सिकया । ऐसे जख्म दा शिकार हाॅं मैं ।। -
ना पुछ तफ्सीर तू दर्दां दी , दुख दी नगरी का सुलतान आं में ।। ना खोल तू कब्रा दिल दियाॅं । बस इना समझ कब्रिस्तान हाॅं मैं , जेडा उजड़ के फेर नी बस सिकया । ऐसे जख्म दा शिकार हाॅं मैं ।।
#ISHQ_KI_DUNIA_TE_DUR जिद पर आजाऊं तो पलट कर भी ना देखूँ , मेरे सबर से अभी तुम वाकिफ ही कहाँ हो। करलो याद जब तक जिंदा हैं, फिर न कहना चले गये दिल में यादें बसा कर।। -
#ISHQ_KI_DUNIA_TE_DUR जिद पर आजाऊं तो पलट कर भी ना देखूँ , मेरे सबर से अभी तुम वाकिफ ही कहाँ हो। करलो याद जब तक जिंदा हैं, फिर न कहना चले गये दिल में यादें बसा कर।।
नया साल आ रहा है कुछ पुराणे किस्से छोड़ दूं कै ।"मन" इस बार उसने भुलण की केहवे है, "मन" की सुनना छोड़ दूं कै ।। -
नया साल आ रहा है कुछ पुराणे किस्से छोड़ दूं कै ।"मन" इस बार उसने भुलण की केहवे है, "मन" की सुनना छोड़ दूं कै ।।
शिददत ए इश्क़ खैर हो तेरी, कैसे आलम में लाकर छोड़ा है। बेबसी किसे कहते हैं,कोई हमसें पूछें, उसका नम्बर तो है पर बात नहीं कर सकते।। -
शिददत ए इश्क़ खैर हो तेरी, कैसे आलम में लाकर छोड़ा है। बेबसी किसे कहते हैं,कोई हमसें पूछें, उसका नम्बर तो है पर बात नहीं कर सकते।।
फ़ुरसत में याद कर लेते थे वो हमें और, हम ख़ुद को खास समझ बैठें ।। -
फ़ुरसत में याद कर लेते थे वो हमें और, हम ख़ुद को खास समझ बैठें ।।